
14 जुलाई 2025। आयकर विभाग ने सोमवार को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के 13 ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए टैक्स रिफंड घोटाले का खुलासा किया है। इसमें इंदौर, जबलपुर, रीवा, उज्जैन और रतलाम सहित छग के मनेंद्रगढ़ और चिरमिरी में छापे और सर्वे की कार्रवाई की गई।
सूत्रों के अनुसार कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, एलआईसी एजेंट्स, टैक्स कंसल्टेंट्स और कंप्यूटर ऑपरेटर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टैक्स रिटर्न दाखिल कर टैक्सदाताओं के नाम पर रिफंड क्लेम करते थे। बदले में वे कुल रिफंड का 10 से 25 प्रतिशत तक कमीशन वसूलते थे।
डिजिटल सबूत जब्त, लेनदेन की जांच जारी
छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में कंप्यूटर, लैपटॉप और डिजिटल डिवाइस जब्त की गई हैं। हालांकि नकदी की जब्ती की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। विभाग अब इस पूरे नेटवर्क की जीएसटी और अन्य टैक्स में गड़बड़ियों की दिशा में भी जांच कर रहा है। सभी संदिग्धों की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री खंगाली जा रही है।
? इंदौर: नकली रसीदों से टैक्स चोरी का हाई-टेक खेल
इंदौर के पुखराज कॉर्पोरेट टावर स्थित एस. लड्डा एंड एसोसिएट्स पर छापे में चौंकाने वाले खुलासे हुए। आयकर अधिकारियों को राजनैतिक दलों के नाम पर फर्जी चंदा रसीदें, मेडिकल खर्च, ट्यूशन फीस और निवेश के फर्जी दस्तावेज मिले हैं। इनका उपयोग निजी कंपनियों के कर्मचारियों की इनकम कम दिखाने और फर्जी रिफंड लेने में किया जाता था।
बताया गया कि कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स खुद ही गुमनाम राजनीतिक दलों के नाम पर दान की नकली रसीदें तैयार करते थे, जो चुनाव में भी भाग नहीं लेते।
? जबलपुर और रीवा: सीए और टैक्स कंसल्टेंट्स के ठिकानों पर रेड
जबलपुर में दो चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और एक सराफा व्यापारी के यहां छापे मारे गए हैं। एलआईसी एजेंट्स और टैक्स रिटर्न फाइलिंग फर्मों की भी जांच की जा रही है।
वहीं, रीवा में टैक्स कंसल्टेंट वेदप्रकाश मिश्रा के निवास और न्यायालय स्थित कार्यालय पर आयकर विभाग की 12 सदस्यीय टीम ने दस्तावेज जब्त किए।
? प्रारंभिक संकेत बताते हैं कि यह रैकेट संगठित रूप से वर्षों से संचालित हो रहा था, और इसने सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया है। विभाग अब आय से अधिक संपत्ति, बेनामी लेनदेन और अन्य आर्थिक अपराधों की भी जांच कर रहा है।