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? जगह-जगह मंदी के संकेत, जिम रिकर्ड्स की गंभीर चेतावनी

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 2388

20 जून 2025। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विश्लेषक जिम रिकर्ड्स ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर एक चौंकाने वाली चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि अमेरिका सहित दुनिया के प्रमुख देशों में बॉन्ड यील्ड कर्व (Bond Yield Curve) उलट चुके हैं, जो आने वाली गंभीर मंदी (Recession) का स्पष्ट संकेत है।

रिकर्ड्स ने कहा, “अमेरिकी ट्रेजरी, यूरो डॉलर फ्यूचर्स और जर्मन बॉन्ड्स — सभी की यील्ड कर्व अब इनवर्टेड हो चुकी हैं। यह दशकों में पहली बार हो रहा है और यह सबसे भरोसेमंद मंदी का संकेतक है। ऐसा पिछली बार 2007 में हुआ था, जब 2008 की वैश्विक आर्थिक तबाही के पहले संकेत मिले थे।”

? बाजारों का विरोधाभासी संदेश: स्टॉक बनाम बॉन्ड
जिम रिकर्ड्स के अनुसार, जबकि शेयर बाजार अब भी "सॉफ्ट लैंडिंग" की उम्मीद में तेजी दिखा रहा है, बॉन्ड बाजार यह संकेत दे रहा है कि अर्थव्यवस्था बुरी तरह फिसलने जा रही है।
उन्होंने कहा, “फेडरल रिजर्व शायद अब भी वक्त रहते कदम नहीं उठाएगा, और तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।”

? ब्याज दरें और बेरोजगारी: दो 'लेट लतीफ' संकेतक
रिकर्ड्स ने समझाया कि ब्याज दरें और बेरोजगारी, दोनों ही मंदी के बाद असर दिखाते हैं।

“ब्याज दरें अक्सर तब चरम पर होती हैं जब मंदी पहले ही शुरू हो चुकी होती है।”

“बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी में देरी होती है क्योंकि बड़ी कंपनियाँ सेवरेंस पैकेज और चरणबद्ध छंटनी की प्रक्रिया अपनाती हैं।”

⚠️ बैंकिंग संकट और कर्ज संकट की चेतावनी
जैसे-जैसे मंदी नज़दीक आती है, व्यवसायिक संस्थान बैंकों से अधिक कर्ज लेना शुरू कर देते हैं—"जो मिल रहा है, अभी ले लो" के सिद्धांत पर। इससे पहले तो ब्याज दरें ऊपर जाती हैं, लेकिन फिर कर्ज चूक (डिफॉल्ट) बढ़ते हैं और बैंक कर्ज देना बंद कर देते हैं। इसके बाद ही दरों में गिरावट देखने को मिलती है।

? फेड की नीति: 'पिवट' तब, जब बाजार बेकाबू हों
रिकर्ड्स का कहना है कि फेडरल रिजर्व तब तक दरें नहीं घटाएगा, जब तक बाजार "डिसऑर्डरली" यानी अस्थिर और अनियंत्रित न हो जाए।
उन्होंने कहा, “2008 और 2020 की तरह अगर बाजार तेज़ी से गिरता है, तभी फेड हस्तक्षेप करेगा। अभी वो उस स्थिति में नहीं है, लेकिन जल्द आ सकता है।”

? तीन कहानियाँ: फेड, बाजार और हकीकत
रिकर्ड्स ने मौजूदा स्थिति को तीन कहानियों के रूप में बताया:

फेड की कहानी: सब ठीक है, नीतियाँ नियंत्रण में हैं।

शेयर बाजार की कहानी: सॉफ्ट लैंडिंग होगी, सब सामान्य रहेगा।

हकीकत (बॉन्ड मार्केट और ज़मीनी हालात): एक बड़ी दुर्घटना आने वाली है।

? निष्कर्ष: यह 'पिवट' राहत का नहीं, संकट का संकेत होगा
जिम रिकर्ड्स ने स्पष्ट किया कि यदि फेड दरें घटाता है, तो वह सॉफ्ट लैंडिंग का संकेत नहीं बल्कि इस बात का सबूत होगा कि उन्होंने अत्यधिक सख्ती (Overtightening) कर दी और बहुत देर में सुध बुलाई।
“यह वही कहानी है जो 2018 में भी दोहराई गई थी,” उन्होंने कहा।

यदि यह रफ्तार जारी रही, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक गंभीर वित्तीय झटका लग सकता है, और यह मंदी सिर्फ 'सामान्य गिरावट' नहीं, बल्कि एक भीषण आर्थिक दुर्घटना का रूप ले सकती है।

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