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शासकीय ट्रेक्टर से खेती करने पर अब किसानों को देना होगा अधिक किराया

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 663

Bhopal: 9 अप्रैल 2020। प्रदेश में अब शासकीय ट्रेक्टर से खेती कराने पर किसानों को अधिक किराया देना होगा। किराये की बढ़ी हुई दरें प्रभावशील कर दी हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 48 साल पहले मप्र ट्रैक्टर द्वारा खेती प्रभारों की वसूली अधिनियम 1972 बनाया हुआ है तथा इस अधिनियम के तहत 39 साल पहले वर्ष 1981 में नियम बनाये गये। इन्हीं नियमों के तहत शासकीय ट्रैक्टरों से खेती कराने की किराया दरें तय होती हैं।
यह तय की नई किराया दरें :
पिछली बार 25 सितम्बर 2014 को शासकीय ट्रैक्टरों की किराया दरें रिवाईस हुई थीं। छह साल बाद अब पुन: ये किराया दरें रिवाईस की गई हैं। अब नई किराया दरें हैं : 40 हार्स पावर तक के व्हील टाईप ट्रैक्टर हेतु 350 रुपये के स्थान पर 510 रुपये प्रति घण्टे, 41 हार्स पावर या उससे अधिक के ट्रैक्टरों हेतु 500 रुपये के स्थान पर 625 रुपये प्रति घण्टे। इसी प्रकार, यदि शासकीय ट्रैक्टर कई किलोमीटर दूरी पर स्थित कृषि अभियंत्रिकी कार्यालय से किराये पर मंगाया जा रहा है तो उसकी प्रति किलोमीटर के हिसाब से परिवहन दरें अलग से देनी होंगी जो होंगी : 40 हार्स पावर तक के व्हील टाईप ट्रैक्टर हेतु 10 रुपये के स्थान पर 14 रुपये प्रति किलोमीटर, 41 हार्स पावर या उससे अधिक के ट्रैक्टरों हेतु 15 रुपये के स्थान पर 18 रुपये प्रति किलोमीटर। ज्ञातव्य है कि इन शासकीय ट्रैक्टरों से सिर्फ खेती की जा सकती है, न कि फसलों का परिवहन।
275 ट्रैक्टर हैं किराये पर देने के लिये :
राज्य शासन के कृषि विभाग के अंतर्गत संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी के पास उसके 37 जिला कार्यालयों में इस समय 275 शासकीय ट्रैक्टर उपलब्ध हैं। ये सभी ट्रैक्टर अपडेट टेक्नालाजी वाले हैं। ये 37 जिले हैं : भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा, इटारसी (होशंगाबाद), बैतूल, इंदौर, धार, खण्डवा, खरगौन, झाबुआ, उज्जैन, मंदसौर, जावरा (रतलाम), देवास, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला,
सिवनी, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल तथा उमरिया। शेष जिलों में न ही कृषि अभियंत्रिकी कार्यालय हैं और न ही शासकीय ट्रैक्टर उपलब्ध हैं।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि हम किसानों को किराये पर शासकीय ट्रैक्टर खेती हेतु उपलब्ध कराते हैं। ये शासकीय ट्रैक्टर आधुनिक स्वरुप के होते हैं। हमारा उद्देश्य इन्हें किराये पर देने का यह होता है कि किसान आधुनिक ट्रैक्टरों से खेती की जानकारी प्राप्त कर सकें। इसके लिये हम सालभर प्रदर्शनियां भी लगाते हैं। वर्तमान में मंहगाई दर अधिक है, इसलिये इनकी किराया दरें छह साल बाद बढ़ाई गई हैं। नई किराया दरें अभी भी निजी क्षेत्र द्वारा खेती हेतु किराये पर उपलब्ध कराये जाने वाले ट्रैक्टरों की किराया दरों से काफी कम हैं।



-डॉ. नवीन जोशी

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