भोपाल: 4 अप्रैल 2024। अमेरिका और उसके सहयोगी, चीन पर एक बार फिर साइबर अपराध का आरोप लगा रहे हैं। मार्च में, ब्रिटेन, अमेरिका और फाइव आइज़ खुफिया गठबंधन के अन्य सदस्यों ने दावा किया कि बीजिंग ने तीन साल पहले उनके खिलाफ एक राज्य-प्रायोजित हैकिंग अभियान चलाया था। उन्होंने इस कथित "हमले" के जवाब में कुछ चीनी हैकरों और उनके व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाए।
लेकिन क्या ये आरोप सच हैं?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। वे कहते हैं कि अमेरिका चीन को बदनाम करना चाहता है और अपने घरेलू राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करना चाहता है। वे यह भी बताते हैं कि:
अमेरिका चीन के साथ तनाव को जानबूझकर बढ़ाता और घटाता है। 2019 में, अमेरिका ने चीन के साथ व्यापार समझौते के लिए तनाव कम किया। लेकिन 2020 में, कोविड-19 महामारी के बाद, अमेरिका ने चीन के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी।
अमेरिका ने चीन के खिलाफ "झिंजियांग कार्ड" भी खेला है। 2022 शीतकालीन ओलंपिक के दौरान, अमेरिका ने "जबरन मजदूरी" का आरोप लगाकर ओलंपिक का बहिष्कार करने का समर्थन किया।
अमेरिका चुनावी वर्षों में चीन के खिलाफ अधिक आक्रामक होता है। 2020 के चुनाव में, डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर हमला किया था। अब, 2024 के चुनाव के करीब, बिडेन प्रशासन भी चीन पर "सख्त" दिखना चाहता है।
इन विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका चीन को घेरने के लिए यूरोपीय देशों को भी इस्तेमाल करना चाहता है। वे कहते हैं कि अमेरिका चाहता है कि यूरोपीय देश चीन के साथ कम जुड़ें।
चीन के खिलाफ नए हैकिंग के आरोपों को लेकर कई सवाल हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि ये आरोप सच हैं या नहीं। यह भी स्पष्ट नहीं है कि इन आरोपों का मकसद क्या है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पश्चिमी मीडिया अक्सर अमेरिकी नीति की प्राथमिकताओं का समर्थन करता है। इसलिए, हमें इन आरोपों को लेकर सतर्क रहना चाहिए और अपनी राय बनाने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करना चाहिए।
चीन के खिलाफ नए हैकिंग के आरोप: सच्चाई क्या है?
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
Views: 1922
Related News
Latest News
- सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद, उत्तराखंड प्राधिकरण ने 14 पतंजलि और दिव्य फार्मेसी उत्पादों के लाइसेंस निलंबित किये
- 'भारत झुकेगा नहीं'- चीन से बातचीत पर रक्षा मंत्री
- मध्य प्रदेश: सीहोर में पहला महिला बाजार असफल
- यूरोपीय संघ ने कारों में गति सीमा का पालन कराने वाली तकनीक को अनिवार्य किया, ब्रिटेन ने इनकार किया
- ट्रांसजेंडर ने फैशन शो में दिया मतदान करने का संदेश