कमलनाथ ने राष्ट्रीय विधि संस्थान में बनाये नए कानून
14 मार्च 2019। प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने भोपाल स्थित मप्र राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय में नया कानून लागू कर दिया है। यह नया कानून वर्ष 2017 में कतिपय अनियमितताओं के विरुध्द छात्र आंदोलन की पृष्ठभूमि में लागू किया गया है। दरअसल देश के इस प्रतिष्ठित विवि में 51 विद्यार्थियों को फेल होने के बाद भी उत्तीर्ण कर दिया गया था। इस गंभीर अनियमित्ता पर कई जांच कमेटियां भी बनी थीं और उसकी सिफारिशें में आई थीं।
पिछली शिवराज सरकार ने उक्त अनियमितताओं से विवि को निजात दिलाने के लिये 25 जून,2018 को विधानसभा में नया मप्र राष्ट्रीय विधि संस्थान विवि विधेयक प्रस्तुत किया था। इस विधेयक को अगले दिन ही 26 जून 2018 को विधानसभा में पारित कर दिया गया और 1 सितम्बर 2018 को राज्यपाल ने इस विधेयक को स्वीकृति प्रदान कर दी जिससे यह अधिनियम बन गया। लेकिन पिछली शिवराज सरकार ने इस नये कानून को लागू नहीं किया था। अब नई कमलनाथ सरकार ने इस कानून को एक मार्च 2019 से लागू कर दिया है।
उक्त विधि संस्थान को वर्ष 1997 में कानून लाकर स्थापित किया गया था। इस कानून में वर्ष 1998 और 2011 में संशोधन भी किये गये थे। परन्तु वर्ष 1997 में विवि में भारी अनियमिततायें होने पर इस कानून को रद्द कर नया कानून लाया गया।
ये हुये है बदलाव :
कमलनाथ सरकार द्वारा लागू नये कानून से उक्त विधि संस्थान में अनेक बदलाव हो गये हैं। अब विधि संस्थान में डायरेक्टर का पद खत्म हो गया है और उसके स्थान पर वाईस चांसलर का पद बन गया है। पहले संस्थान के चांसलर सुप्रीम कोर्ट के जज होते थे परन्तु अब चांसलर मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश होंगे। इसी प्रकार अब विजिटर सुप्रीम कोर्ट के जज होंगे जो सिर्फ उपाधि वितरण के समय ही आयेंगे। इसके अलावा, पहले विधि संस्थान राज्य के विधि विभाग के तहत प्रशासित होता था परन्तु अब यह राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रशासित होगा। नये कानून के हिसाब से विवि की कार्यकारिणी में भी बदलाव होंगे।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि विधि संस्थान को नये कानून के हिसाब से ढाला जा रहा है। पहले जिन फेल विद्यार्थियों को उत्तीर्ण कर दिया गया था उन्हें एक बार और मौका परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिये दिया जायेगा।
- डॉ. नवीन जोशी
शिवराज सरकार में हुए फेल छात्रों को पास करने की जांच रिपोर्ट मिली
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Bhopal 👤By: DD Views: 1930
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