
28 मई 2025। मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुखिया जीतू पटवारी की राजनीति अब पारिवारिक विवादों की आग में जलती नजर आ रही है! तेजाजी नगर थाने में उनके दो भाइयों पर धोखाधड़ी, जमीन कब्जा और जान से मारने की धमकी देने का संगीन मामला दर्ज किया गया है।
आरोपों की चिंगारी तब भड़की जब 74 वर्षीय बुजुर्ग नरेंद्र मेहता ने थाने में शिकायत ठोक दी — जिसमें उन्होंने साफ-साफ कहा कि उनकी पुश्तैनी जमीन को कब्जाने के लिए पटवारी परिवार ने जाल बिछाया, और जब वो विरोध में खड़े हुए, तो उन्हें जिंदा ना बचने की धमकी तक दी गई!
होलकर रियासत से मिली थी जमीन, अब बना ‘राजनीतिक कब्जे’ का अड्डा!
ग्राम उमरीखेड़ी की ये जमीन (सर्वे नंबर 1, 2, 3 और 4) कोई मामूली नहीं — साढ़े छह एकड़ की ये जायदाद 1939 में होलकर रियासत के नारायण पलसीकर द्वारा इनाम में दी गई थी। बाद में इसे नरेंद्र मेहता के पिता ने कानूनी तौर पर खरीदा और दशकों से उनके कब्जे में रही।
फिर क्या हुआ?
कांग्रेस जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव और जीतू पटवारी के दो भाई — नाना पटवारी और भरत पटवारी — ने मिलकर जमीन पर जबरन कब्जा कर डाला, और धमकी दी कि अगर नरेंद्र मेहता ने जुबान खोली तो "जान से हाथ धो बैठोगे!"
फर्जी ट्रस्ट और सोशल मीडिया की साजिश!
इतना ही नहीं, आरोप है कि कब्जे के बाद जमीन पर निर्माण किया गया और एक फर्जी ट्रस्ट बनाकर सोशल मीडिया पर प्रचार शुरू कर दिया गया — मकसद साफ था, या तो बेच दो या किराए पर चढ़ा दो!
फर्जी दस्तावेज, दबंगई और राजनीतिक रसूख का तांडव!
नरेंद्र मेहता के अनुसार, हाल ही में राजस्व रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला कि सदाशिव यादव और उनके गिरोह ने फर्जी दस्तावेज बनवा लिए हैं, राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत भी शक के घेरे में है।
क्या बोले अफसर?
एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह ने बताया कि जांच में मामला संज्ञेय पाया गया, और IPC की कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है:
धारा 318(4), 336, 337, 338, 339, 340 BNS — धोखाधड़ी, जान से मारने की धमकी, कब्जा और फर्जीवाड़े की पूरी स्क्रिप्ट अब पुलिस की फाइल में दर्ज है।
अब सवाल ये — क्या जीतू पटवारी अपने भाइयों के इस जमीन घोटाले से बच निकलेंगे या राजनीतिक महल की नींव हिलने लगी है?
सच्चाई सामने लाने की जिम्मेदारी अब कानून की है... लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस ‘जमीन युद्ध’ की गूंज सुनाई देने लगी है।