
छोटे निवेशकों को मिलेगा लाभ, किसान भी बनेंगे भागीदार | सस्ती बिजली और प्रदूषण से मुक्ति का मिलेगा लाभ
10 जून 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सौर ऊर्जा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट’ में मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस योजना में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश संभावित है, जिससे छोटे निवेशकों को लाभ मिलेगा और किसान भी ऊर्जा निवेशक बन सकेंगे।
डॉ. यादव ने कहा कि 2030 तक भारत में 500 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य में मध्यप्रदेश पूर्ण योगदान देगा। इस समिट में 350 से अधिक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जीआईजेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बर्नार्ड क्रूजबर को तकनीकी सहयोग के लिए सम्मानित किया।
ऊर्जा उत्पादन में अभूतपूर्व प्रगति
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सौर और पवन ऊर्जा का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है। मध्यप्रदेश के सौर ऊर्जा से दिल्ली की मेट्रो ट्रेनें चल रही हैं और कई घरों को बिजली मिल रही है। भविष्य में पड़ोसी राज्यों के साथ 6-6 महीने की अवधि के सौर परियोजनाएं भी प्रारंभ की जाएंगी। महेश्वर का फ्लोटिंग एनर्जी पार्क, नीमच और रीवा के मेगा सोलर प्रोजेक्ट इसका उदाहरण हैं।
रोजगार, नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि मोहासा बाबई में नवकरणीय ऊर्जा उपकरणों के निर्माण हेतु 22 इकाइयों की स्थापना का भूमि पूजन हो चुका है, जिससे 24,000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। वर्ष 2025 तक सभी सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाए जाएंगे। आगामी तीन वर्षों में 32 लाख सोलर पंप कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।
किसानों को लाभ, बिजली बिल से मुक्ति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस योजना से किसान सौर ऊर्जा के माध्यम से खुद की बिजली पैदा कर सकेंगे, जिससे न केवल बिजली के बिल से मुक्ति मिलेगी, बल्कि अतिरिक्त बिजली सरकार द्वारा खरीदी भी जाएगी। इससे किसानों की आय में वृद्धि और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित होगी।
मंत्रीगणों की प्रतिक्रिया
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि योजना के अंतर्गत 1900 सब-स्टेशनों पर 100 प्रतिशत क्षमता की परियोजनाएं मिशन मोड में लागू की जाएंगी। निवेशकों को 1.5 करोड़ रुपये प्रति मेगावॉट का केंद्रीय अनुदान मिलेगा।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ग्रीन एनर्जी से न केवल बिजली की पर्याप्त आपूर्ति होगी, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। सोलर पंप से किसानों को सीधे लाभ मिलेगा और बिजली की बचत को सामाजिक बुनियादी ढांचे में लगाया जाएगा।
वित्तीय सहयोग और प्रशिक्षण
परियोजनाओं के लिए स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक और एयू स्मॉल बैंक के साथ एमओयू साइन किए गए हैं, जिससे निवेशकों को सरल वित्तीय सहायता मिलेगी। परियोजना क्रियान्वयन में जीआईजेड संस्था का तकनीकी सहयोग लिया जा रहा है। डेढ़ वर्ष की प्रशिक्षण योजना भी तैयार की गई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे।
योजना की विशेषताएं
‘सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना’, प्रधानमंत्री कुसुम योजना का विस्तारित स्वरूप है। इसका उद्देश्य दिन के समय कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से जोड़ना और 11 केवी फीडरों पर सीधे सप्लाई देना है, जिससे सब-स्टेशनों पर खर्च कम होगा और ग्रिड स्थिरता बढ़ेगी। यह योजना वोकल फॉर लोकल मिशन को भी गति देगी।
सम्मान और पुरस्कार
मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में सक्रिय सहभागिता के लिए अतुल कुमार, नितिन भार्गव, दिव्यांश शर्मा, देवेंद्र सिंह चौहान और अनामिका कुमारी को प्रमाणपत्र प्रदान किए। वहीं, नीमच के अभिषेक तिवारी, देवास के हरचंद्र महेश्वरी, भोपाल के सुरेंद्र सिंह समेत कई निवेशकों को ‘लेटर ऑफ अवॉर्ड’ भी सौंपे गए।