जल्द बनेगी विशेष टास्क फोर्स | ASU, Purdue और Asia University से बातचीत तेज
11 दिसंबर 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अब समय है कि मध्यप्रदेश के छात्र–छात्राओं को विश्वस्तरीय शिक्षा यहीं प्रदेश में मिले। इससे विदेश जाने की मजबूरी कम होगी और स्थानीय स्तर पर ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का अकादमिक माहौल तैयार होगा।
वे बुधवार को सुशासन भवन में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के अध्ययन केन्द्रों की स्थापना को लेकर निर्णायक कदम उठा रही है। इसके लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई जा रही है, जिसके गठन का आदेश जल्द जारी होगा।
ASU, Purdue और Asia University से सक्रिय बातचीत
अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान ने बताया कि इस दिशा में तेजी से प्रगति हो रही है। अमेरिका की Arizona State University और Purdue University तथा ताइवान की Asia University के साथ अध्ययन केन्द्र खोलने को लेकर लगातार संवाद चल रहा है। ये सभी संस्थान शिक्षा, शोध और इनोवेशन में वैश्विक प्रतिष्ठा रखते हैं।
इंजीनियरिंग से लेकर AI और हेल्थ साइंस तक — छात्रों को मिलेंगे ग्लोबल कोर्स
सरकार का मानना है कि इन अध्ययन केन्द्रों के खुलने से प्रदेश में उच्च शिक्षा का स्तर कई गुना बेहतर होगा।
छात्रों को इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, हेल्थकेयर साइंस, मैनेजमेंट और अन्य उभरते तकनीकी क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम मिल सकेंगे।
स्थानीय उद्योगों, स्टार्टअप्स और इनोवेशन इकोसिस्टम को भी संयुक्त शोध कार्यक्रमों से फायदा होगा।
टास्क फोर्स की जिम्मेदारी
प्रो. संतोष विश्वकर्मा को टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया जाएगा। यह टीम अध्ययन केन्द्रों की स्थापना से जुड़े तकनीकी, अकादमिक और कानूनी पहलुओं का अध्ययन करेगी और विश्वविद्यालयों के साथ प्रस्तावित समझौतों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
अगर वार्ताएं सफल रहीं तो मध्यप्रदेश आने वाले वर्षों में उच्च शिक्षा का देश का प्रमुख और आकर्षक गंतव्य बन सकता है, जहां वैश्विक विश्वविद्यालयों की मौजूदगी राज्य की प्रतिभाओं को नए अवसर देगी।
फ्यूचर टेक्नोलॉजीज़ पर फोकस
संस्थान फिलहाल फ्यूचर हायर एजुकेशन मॉडल, सेमीकंडक्टर्स, क्वांटम टेक्नोलॉजी, AI, एग्री-टेक और अन्य नवाचार क्षेत्रों में रणनीतिक पहलों पर काम कर रहा है।
इन्हें आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को जोड़ा जा रहा है, जो वैज्ञानिक सलाह और दिशा प्रदान करेंगे।
बैठक में संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव दीक्षित, प्रमुख सचिव एवं CEO गुलशन बामरा, डायरेक्टर ऋषि गर्ग सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।














