×

जल जीवन मिशन मार्च 2027 तक पूरा होगा: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 231

10 दिसंबर 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट कहा कि हर नागरिक तक सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण पेयजल पहुँचाना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। केंद्र ने जल जीवन मिशन की समय-सीमा दिसंबर 2028 तय की है, लेकिन मध्यप्रदेश इसे एक साल पहले, मार्च 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है।

समीक्षा बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि जल स्रोतों में सीवरेज का गंदा पानी न मिले, इसके लिए ठोस योजना तैयार की जाए। साथ ही मिशन का संचालन और रखरखाव इतनी मजबूत व्यवस्था के साथ किया जाए कि पानी की सप्लाई किसी भी हालत में बाधित न हो।

सरपंच और महिला समूहों को मिलेगा सम्मान
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन में उत्कृष्ट काम करने वाले सरपंचों और स्व-सहायता समूहों को राज्य, संभाग, जिला और ग्राम स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। पिछले दस वर्षों में जिन गाँवों में पानी का संकट रहा है, उनकी रिपोर्ट तैयार करके उन क्षेत्रों में स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने यह भी कहा कि गाँव के उन ट्यूबवेल मालिकों की सूची बनाई जाए जिनके यहां सालभर पानी उपलब्ध रहता है, और जरूरत पड़ने पर उनसे जल आपूर्ति में सहयोग लिया जाए।

प्रदेश की प्रगति: 80 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को नल-जल
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव पी. नरहरि ने बताया कि अब तक 80 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन दिया जा चुका है और मिशन की कुल प्रगति 72.54 प्रतिशत है।
2024-25 में 8.19 लाख कनेक्शन का लक्ष्य 100 प्रतिशत पूरा हुआ, जबकि 2025-26 में अब तक 5.50 लाख कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं।

मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य जिसने बोरवेल सुरक्षा कानून बनाया
बैठक में बताया गया कि बोरवेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।
“स्वच्छ जल से सुरक्षा अभियान” में भी राज्य को पूरे देश में पहला स्थान मिला है।

वित्तीय प्रगति
2024-25 में 12,990 करोड़ रुपये का व्यय, लक्ष्य का 92.89 प्रतिशत
2025-26 में अब तक 6,016 करोड़ रुपये का व्यय, 35.11 प्रतिशत प्रगति
21,552 ग्राम ‘हर घर जल’ घोषित, 15,026 ग्राम प्रमाणित
एकल नल-जल योजनाएँ 93 प्रतिशत पर हैं, जबकि समूह योजनाओं के जरिए 3,890 ग्रामों में नियमित जल आपूर्ति शुरू हो चुकी है।

डिजिटल मॉनिटरिंग और तकनीकी सुधार
राज्य पूरी तरह डिजिटल मॉनिटरिंग पर निर्भर मॉडल की तरफ बढ़ रहा है:
जल रेखा ऐप से योजनाओं की वास्तविक समय में निगरानी
155 प्रयोगशालाएँ NABL मान्यता प्राप्त
सभी स्रोत और टंकियों की 100% जियोटैगिंग
ग्राम पंचायतें ‘पंचायत दर्पण पोर्टल’ से सीधे डिजिटल जल कर संग्रह कर रही हैं
इंदौर में IoT आधारित जल आपूर्ति मॉडल सफल

ऊर्जा प्रबंधन
100 मेगावाट सौर परियोजना PPP मॉडल पर मंजूर
60 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना की तैयारी
इससे आने वाले वर्षों में सस्ती और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित होगी

सेवा गुणवत्ता
64 ग्रामों में 24×7 जल आपूर्ति का सफल पायलट
जलदर्पण पोर्टल से सभी योजनाओं की स्थिति और शिकायत निपटान
कॉल सेंटर स्थापित

अगले 3 वर्षों का लक्ष्य
प्रदेश ने आने वाले समय के लिए स्पष्ट रोडमैप रखा है:
हर ग्रामीण परिवार तक सुरक्षित नल-जल पहुँचाना
नए ग्राम, बसेरे, स्कूल, अस्पताल और आंगनवाड़ी केंद्रों में पेयजल विस्तार
जल स्रोतों का संरक्षण और दीर्घकालिक उपलब्धता सुनिश्चित करना
ऊर्जा जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर सौर परियोजनाएँ
निर्माण सामग्री की गुणवत्ता और निगरानी पर कड़ा फोकस

राष्ट्रीय उपलब्धियाँ
ई-ऑफिस कार्यप्रणाली में जल निगम देश में पहले स्थान पर
पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर पाइपलाइन मैपिंग में दूसरा स्थान
नल-जल योजनाओं में 100% स्रोत और टंकियों का जियोटैग

मध्यप्रदेश ने जल जीवन मिशन को सिर्फ पेयजल योजना नहीं, बल्कि तकनीक, प्रशासन और ऊर्जा प्रबंधन से जुड़ा एक व्यापक परिवर्तन मॉडल बना दिया है। सरकार का दावा है कि मार्च 2027 तक मिशन पूरा कर राज्य देशभर में मिसाल पेश करेगा।

Related News

Global News