
? 13 जून 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी कड़ी में ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर किए जाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। किसानों का पंजीयन 19 जून से शुरू होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने यह निर्णय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की भलाई के उद्देश्य से लिया है। प्रस्ताव के तहत किसानों से 8682 रुपये/क्विंटल (मूंग) और 7400 रुपये/क्विंटल (उड़द) के निर्धारित MSP पर उपार्जन किया जाएगा। इस संबंध में संबंधित विभागों और एजेंसियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
? पंजीयन प्रक्रिया:
पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज:
फसल का नाम
आधार नंबर
बैंक खाता नंबर व IFSC कोड
भू-अधिकार ऋण पुस्तिका (स्वप्रमाणित प्रति)
सिकमी/बटाई काश्तकारों को अनुबंध की प्रति संलग्न करनी होगी
बैंक खाता किसी राष्ट्रीयकृत बैंक या जिला सहकारी बैंक की शाखा में होना अनिवार्य है।
? कब और कहां होती है कटाई:
मूंग की कटाई: प्रदेश के 36 जिलों में मई के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक
संभावित क्षेत्र: 14.35 लाख हेक्टेयर, उत्पादन: 20.23 लाख मीट्रिक टन
उड़द की कटाई: प्रदेश के 13 जिलों में
क्षेत्र: 0.95 लाख हेक्टेयर, उत्पादन: 1.24 लाख मीट्रिक टन
? उपार्जन की व्यवस्था:
खरीदी की जिम्मेदारी सहकारी संस्थाओं, मार्कफेड, वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन आदि की होगी।
उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को दी जाएगी प्रिंटेड रसीद जिसमें नाम, बैंक विवरण, राशि आदि होंगे।
उपज का परिवहन गोदाम तक ठेकेदारों द्वारा किया जाएगा; देरी होने पर पेनाल्टी लगेगी।
जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था जिला स्तर से होगी।
?? किसानों के लिए विशेष सुविधाएं:
उपार्जन केन्द्रों पर मिलेंगी ये सुविधाएं:
छायादार बैठने की जगह
शुद्ध पेयजल
शौचालय
प्राथमिक उपचार (First Aid)
गुणवत्ता परीक्षण के लिए उपकरण
ज्यादा खरीदी वाले केन्द्रों पर अतिरिक्त स्टाफ और संसाधन की व्यवस्था होगी।
? प्रचार और प्रशिक्षण:
किसानों को MSP पर उपज बेचने के लिए जागरूक किया जाएगा ताकि विचौलियों को रोका जा सके।
सभी उपार्जन एजेंसियों व अमले को गुणवत्ता जांच के लिए जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को आने वाली फसल के लिए उन्नत बीज और कृषि यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है। इसके लिए कृषि मेले भी आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकारें किसानों के साथ खड़ी हैं और हरसंभव सहयोग देंगी।