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स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति ला रहा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 526

बीमारी की जल्दी पहचान, नई दवाओं की खोज और व्यक्तिगत इलाज को बना रहा है तेज़ और सटीक

16 जुलाई 2025। स्वास्थ्य अनुसंधान और चिकित्सा सेवा में समय सबसे कीमती होता है। जितनी जल्दी किसी बीमारी की पहचान और उपचार हो, उतना ही बेहतर। साथ ही, नई दवाओं के विकास में लगने वाले वर्षों को घटाकर जीवन रक्षक इलाज को तेज़ी से मरीजों तक पहुँचाना भी बेहद ज़रूरी है। आज भी ये प्रक्रियाएँ अक्सर धीमी और त्रुटिपूर्ण होती हैं। यहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक नई उम्मीद बनकर सामने आया है।

आज दुनिया भर की अनेक स्टार्टअप कंपनियाँ AI का उपयोग कर रही हैं ताकि ऐसी जटिलताओं को हल किया जा सके, जो मानव समझ से परे हैं। इन कंपनियों का लक्ष्य है — बीमारियों का शीघ्र निदान, नई दवाओं की खोज, टेलीहेल्थ का सशक्तिकरण, और व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार।

? AI से दवा अनुसंधान में नई क्रांति
अक्टूबर 2024 में Sir Demis Hassabis को प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी पर किए गए कार्य के लिए रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार मिलने की घोषणा ने इस क्षेत्र में AI की भूमिका को विश्वपटल पर केंद्र में ला दिया।

AI अब बड़े डेटासेट्स का विश्लेषण कर संभावित औषधीय अणुओं की पहचान करता है और यह भी अनुमान लगा सकता है कि कोई नया अणु शरीर में कैसे प्रतिक्रिया देगा। इससे नई दवाओं की खोज की प्रक्रिया बहुत तेज और सटीक हो गई है।

Genesis Therapeutics के सीईओ एवेन फाइनबर्ग बताते हैं कि दवा अनुसंधान में सबसे बड़ी चुनौती होती है — डेटा की कमी। अधिकांश नई बीमारियों और लक्षित प्रोटीन के बारे में पर्याप्त रासायनिक जानकारी नहीं होती। इसलिए कंपनियों को AI आधारित विशेष एल्गोरिदम विकसित करने पड़ते हैं।

Genesis ने GEMS (Genesis Exploration of Molecular Space) नामक प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया है, जो बड़े भाषा मॉडल्स (LLMs) का उपयोग कर अरबों संभावित औषधीय अणु तैयार करता है। इसके बाद, मशीन लर्निंग की मदद से यह अनुमान लगाया जाता है कि कौन-से अणु किसी विशेष बीमारी के लक्ष्य प्रोटीन से प्रभावी रूप से जुड़ेंगे।

? AlphaFold से प्रोटीन संरचना की भविष्यवाणी में प्रगति
Google DeepMind और Isomorphic Labs के सीईओ डेमिस हसबिस द्वारा विकसित AlphaFold आज AI की सबसे चर्चित उपलब्धियों में से एक है। इसका नवीनतम संस्करण, AlphaFold 3, यह अनुमान लगा सकता है कि कोई प्रोटीन 3D संरचना में कैसे बनेगा और वह शरीर की अन्य बायोमॉलिक्यूल्स से कैसे इंटरैक्ट करेगा। इसका उपयोग अब Eli Lilly और Novartis जैसी बड़ी कंपनियाँ नई दवाओं और एंटीबॉडीज़ की खोज के लिए कर रही हैं।

? AI से बनी पहली दवा ट्रायल में
दुनिया की पहली AI डिज़ाइन की गई दवा, जिसे एक दुर्लभ फेफड़ों की बीमारी के इलाज के लिए तैयार किया गया है, ने जून 2023 में फेज-2 क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिए। इसे Insilico Medicine ने अपनी PHARMA.AI सॉफ़्टवेयर सुइट की मदद से विकसित किया है।

☁️ क्लाउड के जरिए AI को आसान पहुंच
अब कंपनियाँ क्लाउड आधारित सेवाओं के जरिए AI मॉडल्स को और अधिक वैज्ञानिकों की पहुंच में ला रही हैं। उदाहरण के लिए, Ginkgo Bioworks ने अपनी AI सेवाएँ Google Cloud पर उपलब्ध करवा दी हैं।

"हम भविष्य की श्रेष्ठ दवाओं की खोज, AI और वैज्ञानिकों के सहयोग से करेंगे"
— एवेन फाइनबर्ग, CEO, Genesis Therapeutics

AI से कैंसर की पहचान में भी मदद
"100 साल पुरानी प्रक्रिया को बदल रहा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस"
PathAI के CEO और पैथोलॉजिस्ट एंडी बेक बताते हैं कि आज भी कैंसर की पहचान के लिए पैथोलॉजिस्ट माइक्रोस्कोप के नीचे ऊतक की स्लाइड देख कर निर्णय लेते हैं — यह एक प्रक्रिया है जो 100 वर्षों से लगभग वैसी की वैसी है।

PathAI ने AI मॉडल को 5 मिलियन डिजिटल स्लाइड्स और 15 मिलियन एनोटेशन के डेटा पर प्रशिक्षित किया है, साथ ही जीनोम और बायोमार्कर डेटा भी शामिल किया है। इन मॉडलों को ट्यूमर के आसपास की सूक्ष्म-पर्यावरणीय गतिविधियाँ जैसे ब्लड वेसल्स और अन्य कोशिकाओं के व्यवहार की पहचान करने में भी प्रशिक्षित किया गया है।

? AI करेगा डॉक्टरों की मदद, नहीं लेगा उनकी जगह
AI इन मॉडलों के जरिए कैंसर, सूजन संबंधी रोगों और अन्य बीमारियों की पहचान में तेज़ी और सटीकता ला रहा है। ये टूल्स डॉक्टरों की सहायता करते हैं, उनकी जगह नहीं लेते। AI सेल टाइप गिन सकता है, गंभीरताओं का विश्लेषण कर सकता है, और इलाज की रणनीति को व्यक्तिगत बना सकता है।

?‍⚕️ पैथोलॉजिस्ट की कमी और बढ़ती ज़रूरत
अमेरिका में महज 15,000 पैथोलॉजिस्ट कार्यरत हैं, जबकि उम्र बढ़ने वाली जनसंख्या और बढ़ती जांच प्रक्रियाओं की वजह से माँग कहीं अधिक है। कैंसर के 90% मामले 50 वर्ष से अधिक उम्र में सामने आते हैं, ऐसे में AI उपकरण बीमारियों की शुरुआती अवस्था में पहचान कर रोगियों की जीवन प्रत्याशा बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं।

"जब डॉक्टरों की राय अलग-अलग हो, AI लाता है स्पष्टता और पुनरावृत्ति क्षमता"
— एंडी बेक, CEO, PathAI

? निष्कर्ष
AI अब केवल तकनीक नहीं, बल्कि चिकित्सा विज्ञान में एक अनिवार्य उपकरण बनता जा रहा है। चाहे वह कैंसर का शुरुआती निदान हो, नई दवाओं की खोज, या रोगी को बेहतर इलाज देना — आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्वास्थ्य सेवा को अधिक सटीक, तेज़

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