
25 अप्रैल 2025। डायबिटीज आज एक वैश्विक समस्या बन चुकी है, और भारत में इसके मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। एक बड़ी वजह है – लोगों में इस बीमारी को लेकर फैली गलतफहमियां और असंतुलित जीवनशैली।
भोपाल शहर के प्रसिद्ध एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. जम्बू जैन ने रविंद्र सोनी ने हाल ही में अपने एक वीडियो वार्ता में डायबिटीज से जुड़े कई मिथकों का वैज्ञानिक खंडन किया। उन्होंने बताया कि यह बीमारी सिर्फ "मीठा खाने" से नहीं होती, बल्कि इसके पीछे जेनेटिक बदलाव, मोटापा, और शारीरिक निष्क्रियता जैसे कई कारण जिम्मेदार हैं।
🔍 डायबिटीज क्या है?
डायबिटीज तब होती है जब शरीर में इंसुलिन का निर्माण या उसका क्रियान्वयन ठीक से नहीं होता, जिससे खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। यह तीन प्रकार की हो सकती है:
टाइप-1 डायबिटीज: जिसमें शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है।
टाइप-2 डायबिटीज: जिसमें इंसुलिन ठीक से कार्य नहीं करता।
गर्भावधि डायबिटीज: गर्भावस्था के दौरान बढ़ता ब्लड शुगर।
🛑 आम भ्रांतियां:
❌ डायबिटीज सिर्फ मीठा खाने से होती है – गलत
❌ केवल मोटे लोग ही डायबिटीज के शिकार होते हैं – गलत
✅ असलियत: यह एक लाइफस्टाइल और जेनेटिक बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती है।
✅ बचाव और नियंत्रण के उपाय:
डायबिटीज से बचाव और प्रबंधन के लिए कुछ आसान और प्रभावी उपाय:
संतुलित आहार – घर का बना, पोषणयुक्त खाना लें।
नियमित व्यायाम – कम से कम 25-30 मिनट रोज।
तनाव कम करें और पूरी नींद लें।
ब्लड शुगर की नियमित जांच कराते रहें।
फास्ट फूड और पैकेज्ड फूड से दूरी बनाएं।
उनका यह भी कहना है कि "स्वस्थ शरीर की पहचान मोटापा या दुबलेपन से नहीं, बल्कि उसकी सक्रियता से होती है।"
📽️ वीडियो देखें:
डायबिटीज : मिथ्याएँ और समस्याएं | Diabetes Myths | https://youtube.com/@RavindraSoni