
30 जुलाई 2025। मध्यप्रदेश में साइबर ठगों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2021 से लेकर 13 जुलाई 2025 तक प्रदेश में बैंकिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया, फर्जी वेबसाइट, ई-कॉमर्स और ऑनलाइन गेमिंग जैसे माध्यमों से कुल 1054 करोड़ रुपये की ठगी की जा चुकी है। हैरानी की बात यह है कि इसमें से सिर्फ 105.21 करोड़ रुपये की राशि ही पुलिस होल्ड करा सकी है, जो सत्यापन के बाद पीड़ितों को वापस मिल सकती है।
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने दी जानकारी
विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह जानकारी कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल के लिखित जवाब में दी। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में सिर्फ 1.94 करोड़ रुपये की राशि ही वास्तव में पीड़ितों को लौटाई जा सकी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वर्ष 2024 में प्रदेश में कुल 4.49 लाख आपराधिक मामले दर्ज किए गए, वहीं 2025 में जनवरी से 13 जुलाई तक ही 2.48 लाख मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से 579 साइबर अपराध से जुड़े हैं। इनमें से केवल 166 मामलों का निराकरण किया जा सका है, जबकि शेष अब भी लंबित हैं।
युवाओं और वृद्धों को बनाया जा रहा निशाना
विधानसभा में सीधी विधायक रीती पाठक के सवाल के जवाब में भी साइबर अपराध से जुड़े आंकड़े प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2022 से 2025 के बीच कुल 3541 साइबर अपराध दर्ज हुए, जिनमें से 717 का निराकरण किया गया जबकि 1575 मामले अभी भी लंबित हैं। इन अपराधों में सबसे अधिक 2743 ठगी के शिकार युवा और वृद्ध वर्ग के लोग हुए हैं।
वर्षवार साइबर अपराध के आंकड़े (2020 से 2024)
2020: 909
2021: 1131
2022: 1140
2023: 1094
2024: 1093