
13 सितंबर 2025। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने आपराधिक मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग पर अस्थायी रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया पर अदालती कार्यवाही के वीडियो क्लिप्स का दुरुपयोग हो रहा है।
मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता अरिहंत तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में बताया गया कि कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग के वीडियो संपादित कर शॉर्ट्स, मीम्स और रील्स के रूप में वायरल किए जा रहे हैं, जिनमें कानूनी प्रक्रिया को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है।
अदालत ने रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई तक किसी भी आपराधिक मामले की लाइव स्ट्रीमिंग न हो। हालांकि, कार्यवाही देखने के लिए वेबसाइट पर अप्रतिबंधित वेबएक्स लिंक उपलब्ध रहेगा, लेकिन इसकी रिकॉर्डिंग की अनुमति किसी को नहीं होगी।
साथ ही, अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार सहित यूट्यूब और मेटा जैसी कंपनियों को भी नोटिस जारी किए हैं।
इस मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर 2025 को होगी।