
15 अक्टूबर 2025। मध्य प्रदेश लोकायुक्त ने बुधवार तड़के इंदौर और ग्वालियर में रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के 8 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। इस कार्रवाई में एक करोड़ रुपये नकद, डेढ़ किलो सोने-चांदी के गहने, लग्जरी वाहन और करोड़ों की अचल संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। शुरुआती अनुमान के मुताबिक, भदौरिया के पास 8 से 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति होने की संभावना है।
तड़के 5:45 बजे शुरू हुई दबिश
लोकायुक्त की टीम ने बुधवार सुबह 5:45 बजे इंदौर स्थित उनके आवास पर दबिश दी। करीब 5 घंटे तक चली तलाशी में नकदी, जेवर और जमीन-जायदाद के कागजात मिले। उनके घर के बाहर खड़ी फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसी लग्जरी कारें भी जब्त की गई हैं। जांच में सामने आया है कि भदौरिया की पूरी सरकारी सेवा के दौरान कुल वेतन करीब दो करोड़ रुपये का था, लेकिन उनकी संपत्ति इससे कई गुना अधिक है।
ग्वालियर के बंगले में भी तलाशी जारी
लोकायुक्त पुलिस की एक अन्य टीम ने ग्वालियर के इंद्रमणि नगर स्थित 8,000 वर्गफुट के बंगले में भी सर्च ऑपरेशन चलाया। वहां बेडरूम और अलमारियों में रखे बैग्स की जांच की जा रही है। बरामद दस्तावेजों की सूची तैयार की जा रही है। ग्वालियर लोकायुक्त एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि “टीम कार्रवाई में लगी है, तलाशी पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि वहां क्या मिला है।”
परिवार की भूमिका पर भी जांच
लोकायुक्त को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि भदौरिया के परिवार की भूमिका इस कथित भ्रष्टाचार में अहम है। सूत्रों के मुताबिक, उनकी पत्नी ही संपत्ति निवेश और हिसाब-किताब संभालती थीं, जबकि उनका बेटा सूर्यांश भदौरिया फिल्मों में निवेश करता था। यह भी जांच का विषय है कि फिल्म निर्माण में लगाया गया पैसा कहां से आया।
शराब माफियाओं से कनेक्शन के संकेत
लोकायुक्त को भदौरिया के मोबाइल और दस्तावेजों से अलीराजपुर से लेकर गुजरात तक के शराब कारोबारियों के संपर्क मिले हैं। टीम ने उनके घर से एक पिस्टल भी बरामद की है, जिसकी वैधता की जांच जारी है।
आधिकारिक बयान
डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि “अब तक की कार्रवाई में एक करोड़ नगद, डेढ़ किलो सोने-चांदी के गहने और कई प्लॉटों के दस्तावेज मिले हैं। अभी जांच जारी है। संपत्ति का पूरा मूल्यांकन होने के बाद यह स्पष्ट होगा कि आय से कितनी अधिक संपत्ति पाई गई है।”
लोकायुक्त की यह कार्रवाई मध्य प्रदेश में हाल के महीनों की सबसे बड़ी एंटी-करप्शन रेड्स में से एक मानी जा रही है। भदौरिया के खिलाफ मिली जानकारियां संकेत देती हैं कि मामला सिर्फ "आय से अधिक संपत्ति" तक सीमित नहीं, बल्कि संभवतः शराब माफियाओं से मिलीभगत और अवैध निवेश नेटवर्क तक फैला हो सकता है।