×

अफ्रीका से आने वाले चीते अब सागर के नौरादेही में बसेंगे, रानी दुर्गावती टाइगर रिज़र्व बना नया ठिकाना

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 178

20 किलोमीटर लंबी फेंसिंग और करोड़ों की तैयारी, क्वारेंटाइन व सॉफ्ट रिलीज़ बाड़े बन रहे हैं

22 नवंबर 2025। मध्य प्रदेश का वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिज़र्व अब देश में चीतों का तीसरा घर बनने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। एनटीसीए के चीता प्रोजेक्ट के तहत नौरादेही को मंजूरी मिल चुकी है और इसके साथ ही रिज़र्व प्रबंधन को तैयारी के लिए बजट भी जारी कर दिया गया है।
सबसे बड़ा काम करीब 20 किलोमीटर लंबी सुरक्षा फेंसिंग का है, जो चीतों के आने से पहले पूरी करनी होगी। इसके साथ ही क्वारेंटाइन बाड़ा और सॉफ्ट रिलीज़ बाड़े भी तैयार किए जा रहे हैं।

देहरादून के विशेषज्ञों की टीम ने दी मंजूरी
भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) देहरादून की विशेषज्ञ टीम अप्रैल और मई में तीन दिन तक नौरादेही में रही। टीम ने चीतों के लिए जरूरी सुरक्षा, भोजन, पानी, आवासीय क्षेत्र, और मानव-वन्यजीव संघर्ष के जोखिम जैसे मुद्दों पर विस्तृत समीक्षा की। निरीक्षण के बाद उन्होंने चीता बसाने की मंजूरी देते हुए कई सुझाव भी दिए, जिन पर अब तेज़ काम शुरू हो गया है।

सिंहपुर, झापन और मोहली रेंज में बसेंगे चीते
टीम ने सागर-दमोह सीमा के जंगलों को चीतों के लिए उपयुक्त पाया। मोहली, सिंहपुर और झापन रेंज का लगभग 600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र चीता बसाहट के लिए सही माना गया है।
दमोह की झापन रेंज में विस्थापन की रफ्तार धीमी है, लेकिन मानव-चीतों के संभावित संघर्ष को रोकने के लिए यहां 20 किलोमीटर लंबी फेंसिंग बनाई जा रही है।

2026 की गर्मियों में आएंगे चीते
रिज़र्व प्रबंधन को करीब पांच करोड़ रुपये का बजट मिल चुका है। फेंसिंग, क्वारेंटाइन बाड़े और चार सॉफ्ट रिलीज़ बाड़ों का काम शुरू हो चुका है। अनुमान है कि 2026 की गर्मियों तक सभी तैयारियां पूरी होने के बाद अफ्रीकी चीतों को यहां लाया जा सकेगा।

सिर्फ बाड़े ही नहीं, पर्यावरण को भी चीता-अनुकूल बनाया जा रहा है। जल स्रोत बढ़ाए जा रहे हैं, ग्रासलैंड विकसित किए जा रहे हैं और शाकाहारी जानवरों की संख्या बढ़ाने पर भी काम चल रहा है, ताकि चीतों को पर्याप्त शिकार मिल सके।

टाइगर रिज़र्व प्रबंधन का बयान
नौरादेही टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. ए.ए. अंसारी ने बताया,
“तैयारी के लिए लगभग पांच करोड़ रुपये मिल चुके हैं। क्वारेंटाइन बाड़ा और चार सॉफ्ट रिलीज़ बाड़ों की योजना तैयार है। पहले चरण के लिए करीब 20 किलोमीटर फेंसिंग का काम भी शुरू हो चुका है।”

Related News

Latest News

Global News