81 लाख से अधिक परिवारों तक पहुँचा नल से जल
महिलाओं का समय बचा, बढ़ा स्वरोजगार और सशक्त हुई नई पीढ़ी
पीएम गति शक्ति पोर्टल पर मध्यप्रदेश ने द्वितीय स्थान किया हासिल
23 दिसम्बर 2025। प्रदेश सरकार के सफल दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने पेयजल को नागरिकों का मूल अधिकार मानते हुए जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर तक सुरक्षित, सतत और गुणवत्तापूर्ण जल पहुंचाने की दिशा में ठोस और प्रभावी कार्य किया है। बीते दो वर्षों में विभाग ने न केवल भौतिक उपलब्धियाँ अर्जित की हैं, बल्कि ग्रामीण समाज के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में भी सकारात्मक बदलाव लाया है।
मंत्री श्रीमती उइके ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 81 लाख 21 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन के माध्यम से प्रतिदिन शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कुल लक्षित परिवारों का लगभग 73 प्रतिशत है। प्रदेश के 10 हजार 440 ग्रामों को हर घर जल घोषित किया जा चुका है और भारत सरकार द्वारा बुरहानपुर जिले को देश का पहला प्रमाणित हर घर जल जिला घोषित किया जाना प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि विगत दो वर्षों में 13 लाख 69 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नए नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। पायलट आधार पर 64 ग्रामों में 24x7 जल प्रदाय की व्यवस्था लागू की गई है। इसके साथ ही प्रदेश में 15 हजार 238 नवीन हैंडपंप और नलकूप स्थापित किए गए हैं। उज्जैन संभाग के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों में एकल नल जल योजनाओं का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है, जिससे सात लाख से अधिक परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया गया है।
नल से जल आया तो महिलाओं का समय बचा, बढ़ा स्वरोजगार
मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि हर घर नल जल योजना ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में निर्णायक बदलाव लाया है। पहले महिलाओं को दूर-दूर से पानी लाने में दिन का बड़ा हिस्सा व्यर्थ हो जाता था, जिसके बाद घर या आजीविका से जुड़े अन्य कार्य कर पाना संभव नहीं होता था। अब घर में नल से जल उपलब्ध होने के कारण समय की बचत हो रही है और महिलाएं उस समय का उपयोग आयवर्धक गतिविधियों में कर पा रही हैं।
उन्होंने बताया कि समय की बचत से महिलाएं पार्लर, सिलाई-कढ़ाई केंद्र, किराना दुकान जैसे छोटे स्वरोजगार से जुड़ रही हैं। इससे उनके लिए आजीविका के नए साधन बने हैं और वे अपने परिवार की आर्थिक आवश्यकताओं में सहयोग कर पा रही हैं। इससे महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक स्थिति सशक्त हुई है।
ग्रामीण जन के स्वास्थ्य स्तर में हुआ सुधार
मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि घर-घर शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने से ग्रामीण क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों के प्रकरणों में उल्लेखनीय कमी आई है। इससे उपचार पर होने वाला अनावश्यक खर्च घटा है और परिवारों का आर्थिक पक्ष मजबूत हुआ है। बेहतर स्वास्थ्य के कारण कार्यक्षमता में वृद्धि हुई है, बच्चों की नियमित स्कूल उपस्थिति सुनिश्चित हुई है और महिलाओं को भी घरेलू एवं आजीविका से जुड़े कार्यों के लिए अधिक समय और ऊर्जा मिल रही है। शुद्ध पेयजल की सतत उपलब्धता ने स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक स्थिरता तीनों स्तरों पर ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सकारात्मक सुधार किया है।
बालिकाओं को पढ़ाई का अवसर, शिक्षा स्तर में सुधार
मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि घर में पानी उपलब्ध होने से बालिकाओं को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय मिल रहा है। विद्यालय उपस्थिति में वृद्धि हुई है और शिक्षा के स्तर में भी सुधार देखा जा रहा है। जल जीवन मिशन केवल जल आपूर्ति की योजना नहीं, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण, बालिकाओं की शिक्षा और ग्रामीण समाज की समग्र प्रगति का प्रभावी माध्यम बनकर उभरा है।
गुणवत्ता, निगरानी और पारदर्शिता पर विशेष फोकस
मंत्री श्रीमती उइके ने बताया कि जल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य की समस्त प्रयोगशालाओं का शत-प्रतिशत एनएबीएल प्रमाणीकरण कराया गया है, जिससे मध्यप्रदेश इस क्षेत्र में देश में अग्रणी बना है। प्रदेश में 10 लाख से अधिक जल नमूनों का परीक्षण किया गया है और महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से जल गुणवत्ता परीक्षण के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता के लिए जल रेखा मोबाइल एप, जलदर्पण पोर्टल, शत-प्रतिशत जियो टैगिंग, इन्वेंटरी मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर, ट्यूबवेल मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर और ई-प्रबंधन प्रणाली लागू की गई है। सी.एम. हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण में विभाग लगातार ग्रेड ‘ए’ में रहा है। पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर योजनाओं और पाइपलाइन नेटवर्क को रेखांकित करने में प्रदेश को देश में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।
नवाचार और भविष्य की स्पष्ट कार्ययोजना
मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि समूह जल प्रदाय योजनाओं में बिजली की आवश्यकता की पूर्ति के लिए नवकरणीय ऊर्जा आधारित प्लांट स्थापित कर 60 मेगावॉट पवन ऊर्जा परियोजना की कार्ययोजना तैयार की गई है। आगामी तीन वर्षों में समस्त ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत जनजातीय परिवारों को क्रियाशील नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे।
मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि प्रदेश सरकार जल सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग द्वारा किए जा रहे नवाचार और योजनाएँ मध्यप्रदेश को जल सुरक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में स्थापित कर रही हैं। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री पी. नरहरि भी उपस्थित रहे।














