प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना में प्रदेश देश में छठवें स्थान पर
23 दिसंबर 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश ने नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। प्रदेश में अब तक 9,508 मेगावॉट नवकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित की जा चुकी है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत मध्यप्रदेश देश में छठवें स्थान पर है। अब तक 76 हजार घरों पर 292 मेगावॉट क्षमता के सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट लगाए जा चुके हैं।
मंत्री शुक्ला ने कहा कि बीते दो वर्षों में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश ने तेज गति से काम किया है। भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2025 में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए 5.72 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 और संशोधित नवकरणीय ऊर्जा नीति-2025 लागू की गई है। इसके साथ ही बॉयो-फ्यूल और पम्पड हाइड्रो स्टोरेज को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग क्रियान्वयन योजनाएं शुरू की गई हैं। आगर-शाजापुर-नीमच क्षेत्र में 1,045 मेगावॉट क्षमता का सोलर पार्क विकसित किया गया है। वहीं ओंकारेश्वर में 278 मेगावॉट क्षमता की फ्लोटिंग सोलर परियोजना स्थापित की गई है, जो विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं में शामिल है।
मंत्री शुक्ला ने कहा कि वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन के प्रधानमंत्री के लक्ष्य की दिशा में प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है। आगर में 550 मेगावॉट और शाजापुर में 450 मेगावॉट के सोलर पार्क पहले ही स्थापित हो चुके हैं। नीमच में 500 मेगावॉट के सोलर पार्क पर काम जारी है।
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान के तहत प्रदेश को 14,500 मेगावॉट क्षमता के 550 प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से 4,500 मेगावॉट पर काम शुरू हो चुका है। ग्रिड प्रबंधन और दिन के समय सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं।
मंत्री शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसान अब अन्नदाता के साथ-साथ ऊर्जादाता भी बन रहे हैं। पीएम कृषक मित्र योजना के तहत अब तक 21,129 किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराए गए हैं। अगले तीन वर्षों में सभी पात्र किसानों को सोलर पंप से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल प्रदेश में 50 हजार सोलर पंप स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सभी शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। 47 जिलों के करीब 1,500 सरकारी भवनों पर 70 मेगावॉट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। पीएम जन-मन योजना के तहत 2,060 विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के घरों में भी सोलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं।
ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में मुरैना सोलर पावर प्लस स्टोरेज प्रोजेक्ट को प्रदेश की पहली बड़ी पहल बताते हुए मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से 440 मेगावॉट ऊर्जा क्षमता प्राप्त होगी। इसकी प्रति यूनिट दर 2 रुपये 70 पैसे तय हुई है, जो देश में अब तक की सबसे कम दरों में से एक है।
पत्रकार वार्ता में अपर मुख्य सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव और ऊर्जा विकास निगम के एमडी अमनबीर सिंह बैंस भी मौजूद रहे और उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए।














