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राज्य और जिला संग्रहालयों में प्रवेश शुल्क दोगुना किया

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Place: भोपाल                                                👤By: डिजिटल डेस्क                                                                Views: 1707

29 अगस्त 2018। राज्य सरकार ने संस्कृति विभाग के अंतर्गत आने वाले राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय पुरातत्व संग्रहालयों में दर्शकों से प्रवेश हेतु लिये जाने वाले शुल्क को दोगुना कर दिया है। यह शुल्क आठ साल बाद बढ़ाया गया है।



प्रदेश में राज्य स्तरीय पुरातत्व संग्रहालय सात हैं जबकि जिला स्तरीय पुरातत्व संग्रहालयों की संख्या 11 है। राज्य स्तरीय संग्रहालयों में शामिल हैं : राज्य संग्रहालय भोपाल, केंद्रीय संग्रहालय इंदौर, रानी दुर्गावती संग्रहालय जबलपुर, तुलसी संग्रहालय रामवन सतना, महाराजा छत्रसाल संग्रहालय धुबेला छतरपुर, गुजरी महल संग्रहालय ग्वालियर तथा त्रिवेणी कला पुरातत्व संग्रहालय उज्जैन। इन सभी सातों राज्य स्तरीय संग्रहालयों में भारतीय दर्शकों के लिये प्रवेश शुल्क दस रुपये से बढ़ाकर बीस रुपये कर दिया गया है जबकि विदेशी दर्शकों के लिये प्रवेश शुल्क सौ रुपये से बढ़ाकर दो सौ रुपये कर दिया गया है।



इसी प्रकार, जिला स्तरीय पुरातत्व संग्रहालय विदिशा, होशंगाबाद, राजगढ़, देवास, रीवा, मंदसौर (यशोधर्मन संग्रहालय), पन्ना, धार, मण्डला, शहडोल तथा खरगौन (देवी अहिल्याबाई संग्रहालय महेश्वर) हैं जिनमें भारतीय दर्शकों के लिये प्रवेश शुल्क 5 रुपये से बढ़ाकर दस रुपये तथा विदेशी दर्शकों के लिये प्रवेश शुल्क 50 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये कर दिया गया है।

राज्य एवं जिला संग्रहालयों में अब वीडियोग्राफी हेतु शुल्क 200 रुपये प्रतिदिन के स्थान पर 400 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है जबकि फोटोग्राफी हेतु शुल्क 50 रुपये प्रतिदिन के स्थान पर 100 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है।



यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य एवं जिला स्तरीय पुरातत्व संग्रहालयों में 15 वर्ष से कम आयु के देशी-विदेशी दर्शकों तथा दिव्यांगजनों के लिये प्रवेश शुल्क के भुगतान से पूर्णतया छूट रहती है।





- डॉ. नवीन जोशी

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