
08 अक्टूबर 2018। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का 15 और 16 अक्टूबर को मालवा दौरा लगभग तय हो गया था, लेकिन इंदौर, देवास और उज्जैन में चुनावी माहौल बनाने के लिए रखी गई सभा और रोड शो में भीड़ जुटा पाने में असमर्थता के चलते उनकी यात्रा कैंसिल कर दी गई थी.
मध्य प्रदेश में गठबंधन को लेकर मायावती की नाराजगी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब नया 'मास्टर स्ट्रोक' खेलने की तैयारी में हैं. दरअसल, राहुल गांधी के मालवा दौरे पर कांग्रेस 'सोशल इंजीनियरिंग' का फार्मूला अपनाने जा रही है. यही कारण है कि राहुल गांधी जहां एक ओर परशुराम की जन्मस्थली जानापाव जाएंगे, तो वहीं बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू का भी दौरा करेंगे.
दरअसल, पिछले 15 साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस की नजरें बीजेपी के गढ़ मालवा पर टिकी हैं. यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मालवा दौरे के दौरान सवर्णों और दलितों को साधने की रणनीति पर काम किया जा रहा है. इसके लिए जहां एक ओर राहुल गांधी को जानापाव ले जाने की तैयारी है, वहीं दूसरी ओर आंबेडकर की जन्मस्थली महू भी वो जाएंगे. (इसे पढ़ें- मायावती के अड़ियल रुख से एमपी में भाजपा को मिल सकता है लाभ: कमलनाथ)
राहुल गांधी के दौरे से पहले प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी संजय कपूर ने जानापाव और महू पहुंचकर तैयारियों को जायजा लिया. कपूर ने जानापाव में मंदिर की व्यवस्था देखने वाले ब्राह्मणों की समिति के साथ बैठकर भोजन किया. इस दौरान हेलीपेड बनाने की व्यवस्था को भी देखा. इसके बाद उन्होने महू में भी तैयारियों का जायजा लिया.
कुल सीटें - 66
सामान्य-35, अनुसूचित जनजाति-22, अनुसूचित जाति 9
बीजेपी के पास सामान्य 32, एसटी 16, एससी 09
कांग्रेस के पास सामान्य 03, एसटी 06, एससी 00
वहीं बीजेपी राहुल गांधी के दौरे के दौरान सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को फ्लॉप बता रही है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुदर्शन गुप्ता का कहना है, 'राहुल गांधी का में कोई प्रभाव ही नहीं है. बीजेपी ने सभी समाज के कल्याण के जितने काम किए हैं, उतने काम आज तक के इतिहास में किसी ने नहीं किए. अब चुनाव आ गए हैं, इसलिए वो भी आ रहे हैं अगर पहले आते तो लोगों को भी लगता कि उनकी जानापाव और महू में आस्था है.'
हालांकि इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का 15 और 16 अक्टूबर को मालवा अंचल का दौरा लगभग तय हो गया था, लेकिन इंदौर, देवास, उज्जैन में चुनावी माहौल बनाने के लिए रखी गई सभा और रोड शो में भीड़ जुटा पाने में नेताओं की असमर्थता के चलते उनकी यात्रा कैंसिल कर दी गई थी. अब नए सिरे से उनका दौरा बनाया गया है और अब वे 25 और 26 अक्टूबर को इंदौर, उज्जैन, देवास, धार और झाबुआ के दौरे पर जाएंगे.