Bhopal: 5 अप्रैल 2021। राज्य सरकार ने सीधी जिले के महान नहर संभाग में बालू, मिट्टी, ब्ल्यु प्रिन्ट फोटोकॉपी, टाइपिंग, स्टेशनरी व अन्य सामग्री के नाम पर करोड़ों रुपये के बिल नियम विरुध्द आहरित करने के प्रकरण को दस साल बाद खत्म कर दिया है।
वर्ष 2011 में उक्त अनियमितता वाले प्रकरण में जल संसाधन विभाग के आठ अधिकारियों यथा कार्यपालन यंत्री आरके तिवारी, सहायक यंत्री रामानंद सिंह, पांच उपयंत्रियों यथा एसके जैन, डीएस गहलोत, एके बादल, जीएस एईके व राजेन्द्र सिंह एवं सहायक वर्ग-3 कर्मचारी बीडी पटेल को निलम्बित किया गया था। परन्तु नियमानुसार 90 दिन के अंदर इन व्यक्तियों के खिलाफ आरोप-पत्र जारी नहीं किये गये जिससे उन्हें एक साल बाद बहाल कर दिया गया।
पांच साल बाद तीन अधिकारियों सहायक यंत्री रामानंद सिंह एवं दो उपयंत्रियों डीएस गहलोत व जीएस उईके के विरुध्द आरोप-पत्र जारी किये गये। पांच अन्य व्यक्तियों को प्रकरण चार से अधिक पुराना होने के कारण आरोप-पत्र जारी नहीं किये गये जिनमें शामिल हैं : कार्यपालन यंत्री आरके तिवारी, उपयंत्रीगण एसके जैन, एके बादल, राजेन्द्र सिंह व सहायक वर्ग-3 बीडी पटेल।
बाद में उपयंत्री एके बादल की मृत्यु होने पर उनकी केस खत्म किया गया। तीन अधिकारियों सहायक यंत्री रामानंद सिंह, उपयंत्रीद्वय डीएस गहलोत व जीएस उईके की निलम्बन अवधि का अब यह कर निराकरण कर दिया गया कि निलम्बन अवधि के दौरान उन्हें मिले जीवन निर्वाह भत्ते के अतिरिक्त अन्य कुछ भी देय नहीं होगा लेकिन अन्य पेंशन आदि समस्त प्रयोजनों के लिये उनकी निलम्बन अवधि का नियमितीकरण किया जाता है।
सीधी के महान नहर संभाग में करोड़ों का घोटाला करने वाला प्रकरण खत्म
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Bhopal
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