26 नवंबर 2023। राज्य के वन विभाग ने आचार संहिता के दौरान कई कार्यशालायें करा ली हैं। इन कार्यशालाओं में किसी राजनेता को नहीं बुलाया गया परन्तु प्रशिक्षण एवं प्रबोधन के लिये फारेंस्ट अफसरों एवं विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया। वैसे आचार संहिता 9 अक्टूबर से लागू हुई और इसके पहले भोपाल की प्रशासन अकादमी में लघु वनोपज संघ ने नेशनल महुआ कान्क्लेव 30 सितम्बर को कराया और उसके बाद 6 अक्टूबर को डिण्डौरी में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को उपहार बांटे गये एवं 1 से 7 अक्टूबर तक राज्य स्तरीय वन्यप्रााी सप्ताह का आयोजन किया लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद वन विभाग ने 16 से 18 अक्टूबर तक भोपल में वन्यप्राणी चिकित्सकों के लिये तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आये 36 वन्यप्राणी चिकित्सकों एवं 17 वेटेरियन्स ने भाग लिया और कार्यशाला का विषय अप्रोचेस एण्ड एडवांसमेंट इन एक्स-सिटू मेनेजमेंट आफ वाईल्ड एनिमल्स रखा गया। इसके बाद 26 अक्टूबर को भोपाल के वन भवन में मानव हाथी सह अस्तित्व विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें देश के प्रमुख वैज्ञानिकों, विभाग के फील्ड डायरेक्टरों एवं एनजीओ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 16 अक्टूबर को बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के ताला में यूएस एड वित्त पोषित मानव-वन्यप्राणी द्वन्द को कम करने पर कार्यशाला हुई। इसके बाद वन भवन मुख्यालय भोपाल में नीम विषय पर कार्यशाला एवं टाईगर रिजर्व मेनेजमेंट पर भी कार्यशाला हुई। इन कार्यशालाओं के आयोजन के लिये वन विभाग ने अपने बजट से काफी धन राशि व्यय की और कार्यशालाओं में भाग लेने वाले प्रतितभागियों को मोमेंटों भी बांटे एवं लंच भी दिया गया।
- डॉ. नवीन जोशी
आचार संहिता के दौरान कई कार्यशालायें करा ली वन विभाग ने
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 783
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