21 नवंबर 2024। मध्य प्रदेश के तीन प्रमुख शहरों, उज्जैन, ग्वालियर और इंदौर के लिए पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा की उड़ानें बंद कर दी गई हैं। कम यात्री संख्या और बेहतर रेल-सड़क संपर्क को इस निर्णय का प्रमुख कारण बताया गया है।
अक्टूबर के अंत से इन 6-सीटर उड़ानों का संचालन बंद कर दिया गया, क्योंकि ये यात्रियों को आकर्षित करने में विफल रहीं। वहीं, सिंगरौली, रीवा और खजुराहो के लिए उड़ान सेवाओं को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। बढ़ती मांग के चलते इन गंतव्यों के लिए उड़ानों की आवृत्ति बढ़ाई जा रही है।
मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के कंपनी सचिव अंकित कौरव ने बताया कि उज्जैन, ग्वालियर और इंदौर के लिए उड़ानें बंद कर दी गई हैं। उन्होंने कहा, "इन शहरों में सड़क और रेल संपर्क बहुत अच्छा है, इसलिए लोग हवाई यात्रा की बजाय इन्हीं का उपयोग करना पसंद करते हैं।"
कम मांग के पीछे मुख्य कारण
बेहतर रेल और सड़क संपर्क:
ग्वालियर, उज्जैन और इंदौर सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। इन मार्गों पर यात्रा का खर्च भी हवाई किराए की तुलना में काफी कम है।
सुरक्षा चिंताएं:
उज्जैन हवाई अड्डे पर नीलगायों की मौजूदगी के कारण सुरक्षा संबंधी मुद्दे भी उड़ान सेवा को प्रभावित करने वाले कारकों में शामिल हैं।
यात्रियों की असुविधा:
हवाई अड्डे पर लंबा इंतजार, टिकट की ऊंची कीमत और हवाई अड्डे से गंतव्य तक पहुंचने में लगने वाला अतिरिक्त समय कई यात्रियों के लिए असुविधाजनक रहा।
अन्य क्षेत्रों में उत्साहजनक मांग:
इसके विपरीत, दूरस्थ स्थानों जैसे सिंगरौली, रीवा और खजुराहो के लिए हवाई सेवाएं यात्रियों के बीच लोकप्रिय हो रही हैं। इन क्षेत्रों में हवाई यात्रा के माध्यम से समय की बचत प्रमुख आकर्षण है।
पर्यटन बोर्ड अब दूरदराज के इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिससे राज्य के पर्यटन को और बढ़ावा मिल सके।
यह एक महत्वपूर्ण सवाल है कि क्या पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा शुरू करने से पहले मांग का आकलन सही तरीके से किया गया था? उज्जैन, ग्वालियर और इंदौर जैसे प्रमुख शहरों में उड़ानें शुरू करने का निर्णय लेते समय शायद यह ध्यान नहीं दिया गया कि:
रेल और सड़क संपर्क की मजबूती:
इन शहरों में पहले से ही उच्च गुणवत्ता वाला सड़क और रेल नेटवर्क मौजूद है। यात्रा का खर्च भी हवाई यात्रा की तुलना में काफी कम है, जिससे लोग पहले से ही वैकल्पिक परिवहन साधनों को प्राथमिकता देते हैं।
पर्यटन आधारित मांग का विश्लेषण:
यह समझना महत्वपूर्ण है कि क्या इन शहरों में आने वाले पर्यटकों को वास्तव में हवाई यात्रा की आवश्यकता है। यदि यात्रियों को अपने गंतव्य तक सड़क मार्ग से आसानी और सस्ते में पहुंचने का विकल्प है, तो वे फ्लाइट की बजाय उन साधनों को चुनते हैं।
सही बाजार अनुसंधान की कमी:
ऐसा प्रतीत होता है कि उड़ान सेवा शुरू करने से पहले यात्रियों की संख्या, यात्रा के तरीके, और व्यवहार का गहन विश्लेषण नहीं किया गया। नतीजतन, सेवा शुरू होने के बाद मांग उम्मीद से काफी कम रही।
सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की तैयारी:
उज्जैन हवाई अड्डे पर नीलगायों की मौजूदगी जैसी सुरक्षा समस्याएं बताती हैं कि हवाई अड्डों का उचित मूल्यांकन और तैयारी नहीं की गई थी। यह भी उड़ान सेवा बंद होने का एक बड़ा कारण बना।
क्या किया जा सकता था?
समग्र मांग का आकलन: सेवा शुरू करने से पहले व्यापक सर्वेक्षण और ट्रैफिक स्टडी की जानी चाहिए थी।
पायलट प्रोजेक्ट: पहले सीमित अवधि के लिए सेवाएं शुरू कर मांग को परखा जा सकता था।
लागत-लाभ विश्लेषण: उड़ानों की व्यवहार्यता का मूल्यांकन यह देख कर किया जाना चाहिए था कि क्या लागत, यात्रियों की संभावित संख्या और लाभ के बीच संतुलन है।
उज्जैन और ग्वालियर के लिए पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा जमीन पर
Place:
Bhopal 👤By: prativad Views: 861
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