
8 दिसंबर 2024। उम्र सिर्फ एक संख्या है, और ज्योति रात्रे इसे साबित कर रही हैं। 55 वर्ष की इस मध्य प्रदेश की महिला पर्वतारोही ने अब तक पांच महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा फहराया है। अब उनका लक्ष्य है अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी, माउंट विंसन को फतह करना।
सेवन समिट मिशन के करीब
ज्योति का अंतिम लक्ष्य है सेवन समिट मिशन को पूरा करना, जिसमें सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह करना शामिल है। माउंट विंसन, 4,892 मीटर की ऊंचाई के साथ, इस मिशन का अंतिम पड़ाव है। ज्योति 13 दिसंबर को भोपाल से रवाना होंगी और 18 दिसंबर को विशेष विमान से अंटार्कटिका पहुंचने की योजना है।
कठोर परिस्थितियों का सामना
अंटार्कटिका का मौसम बेहद कठोर है, तापमान -30°C से -60°C तक गिर जाता है। इसके बावजूद, ज्योति ने कड़ी मेहनत और समर्पण से खुद को तैयार किया है। उन्होंने प्राणायाम, आइस बाथ और भोपाल की पहाड़ियों पर चढ़ाई जैसी कठिन कसरतें की हैं।
परिवार का समर्थन और आर्थिक चुनौतियाँ
ज्योति के पति, केके रात्रे, ने उनके इस साहसिक सफर में पूरा समर्थन दिया है। हालांकि, इस तरह के अभियानों में काफी खर्च होता है। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई में ही 30 लाख रुपये से अधिक का खर्च आया था, और माउंट विंसन के लिए बजट 60 लाख रुपये है।
एक प्रेरणा
ज्योति रात्रे की कहानी सिर्फ एक साहसिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह उम्र और परिस्थितियों को चुनौती देने का प्रमाण है। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और अथक प्रयास उन्हें एक प्रेरणा स्रोत बनाते हैं।