
भोपाल, 19 जनवरी 2025: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश ने तीन नए आपराधिक कानूनों—भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम—का क्रियान्वयन शुरू किया है। ये कानून भारतीय न्याय प्रणाली को औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त कर लोकतांत्रिक और आधुनिक बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं।
राज्य सरकार ने इन कानूनों को पूरी तरह लागू करने के लिए जुलाई 2024 से ही व्यापक तैयारियां शुरू कर दी थीं। जन-जागरूकता अभियान, प्रशिक्षण, तकनीकी उन्नयन, और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया गया। केंद्र सरकार ने इन प्रयासों के लिए राज्य सरकार की सराहना की है।
नए कानून: साइबर अपराध और डिजिटल युग के लिए सशक्त प्रावधान
डॉ. यादव ने कहा कि नए कानूनों में साइबर अपराध, डाटा चोरी, और डिजिटल धोखाधड़ी जैसे नए युग के अपराधों को शामिल किया गया है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की त्वरित सुनवाई और कठोर दंड के प्रावधान भी इनका हिस्सा हैं। बलात्कार जैसे अपराधों के लिए समयबद्ध जांच और सुनवाई सुनिश्चित की गई है।
पाँच आयामी रणनीति से हो रहा क्रियान्वयन
नए कानूनों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए राज्य सरकार ने पाँच आयामी रणनीति अपनाई है:
जन-जागरूकता: पोस्टर प्रदर्शनी, लघु फिल्में और ग्रुप डिस्कशन।
प्रशिक्षण: पुलिस और अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षित करना।
तकनीकी उन्नयन: डिजिटल संसाधन और उपकरण उपलब्ध कराना।
संसाधन प्रबंधन: पुलिस बल को टेबलेट और कनेक्टिविटी।
नियम और अधिसूचनाएं: समयबद्ध क्रियान्वयन।
अब तक 87,000 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है, और पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में इसे कोर्स का हिस्सा बनाया गया है।
ई-एफआईआर और डिजिटल समाधान
ई-एफआईआर जैसी सुविधाएं आम जनता के लिए वरदान साबित हो रही हैं। जुलाई-दिसंबर 2024 के दौरान 6,577 ई-एफआईआर दर्ज की गईं। इसके साथ ही ई-सम्मन की प्रणाली भी लागू की गई है, जिससे कार्यकुशलता में वृद्धि हुई है। भोपाल में विकसित ई-साक्ष्य ऐप अब पूरे देश में लागू हो रहा है।
फॉरेंसिक साइंस में नए आयाम
भोपाल में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी कैंपस विधि विज्ञान और फॉरेंसिक में प्रशिक्षित युवाओं को नए कानूनों के क्रियान्वयन में सहयोग देने के लिए तैयार कर रहा है।
जनता की भागीदारी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानून अपराधियों में कानून का भय उत्पन्न करेंगे और पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाने में मदद करेंगे। इनसे राज्य में निवेश और विकास गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।