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क्रिप्टो करेंसी पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी: स्पष्ट नीति क्यों नहीं?

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 167

21 मई 2025। देश में क्रिप्टो करेंसी को लेकर चल रही अस्पष्टता और नीतिगत ढुलमुल रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने सरकार से सवाल किया है कि क्रिप्टो करेंसी के लिए अब तक कोई स्पष्ट और ठोस रेगुलेटरी फ्रेमवर्क क्यों नहीं बनाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि जब पूरी दुनिया में क्रिप्टो करेंसी को लेकर नियमन की दिशा में काम हो रहा है, तो भारत में अब तक स्पष्ट दिशा-निर्देश क्यों नहीं हैं। कोर्ट ने दो साल पहले भी इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टता मांगी थी, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए।

हवाला जैसी गतिविधियों से की तुलना
कोर्ट ने कहा कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी एक समानांतर अर्थव्यवस्था (Parallel Economy) बना रही है, जो हवाला जैसी गैर-कानूनी गतिविधियों का जरिया बन सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि केवल टैक्स लगाकर इसे रेगुलेट मान लेना पर्याप्त नहीं है। जब तक स्पष्ट रेगुलेशन नहीं होगा, तब तक इसका दुरुपयोग होता रहेगा।

‘बैन नहीं, रेगुलेशन लाइए’ - सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वह क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित करने के पक्ष में नहीं है। बल्कि, उसका मानना है कि इस तकनीक और इसके व्यापार को बैन करना “जमीनी हकीकत से मुंह मोड़ने” जैसा होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से साफ गाइडलाइंस और एक मजबूत नियामक तंत्र (Regulatory Framework) बनाने की सिफारिश की है।

रिजर्व बैंक की आपत्तियां और पिछला विवाद
रिजर्व बैंक पहले ही क्रिप्टो करेंसी के खिलाफ अपना रुख जाहिर कर चुका है। करीब दो साल पहले आरबीआई ने कुछ क्रिप्टो लेनदेन पर रोक लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बाद में निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद, इस क्षेत्र में स्पष्ट नीति का अभाव बना हुआ है।

उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
‘कंज़्यूमर अड्डा LIVE’ कार्यक्रम में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई, जहां CoinDCX के सीईओ सुमित गुप्ता, रिफ्लेक्सिकल के फाउंडर अजीत खुराना, और फाइनेंशियल एक्सपर्ट किशोर सुब्रमण्यम ने भाग लिया। सुमित गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा कि उद्योग जगत भी वर्षों से स्पष्ट रेगुलेशन की मांग कर रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की ताज़ा टिप्पणियों से साफ है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर अब और देर नहीं की जा सकती। सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द एक मजबूत, पारदर्शी और स्पष्ट नियामक ढांचा तैयार करे ताकि निवेशकों में विश्वास बहाल हो और तकनीक का लाभ देश को सुरक्षित तरीके से मिल सके।

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