
Prativad Digital Desk |
26 अप्रैल 2025। दुनिया का सबसे लोकप्रिय वेब ब्राउज़र Google Chrome अब एक संभावित बड़ी डील की कगार पर है। अगर अमेरिकी संघीय अदालत अपने एंटीट्रस्ट मुकदमे में Google को Chrome ब्राउज़र को बेचने का आदेश देती है, तो Yahoo इसे खरीदने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह दावा किया गया है ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में।
गुरुवार को वाशिंगटन में चल रही सुनवाई के दौरान, Yahoo सर्च के महाप्रबंधक ब्रायन प्रोवोस्ट ने अदालत में गवाही दी। उन्होंने कहा, "Chrome निश्चित रूप से वेब पर सबसे रणनीतिक खिलाड़ी है। हमारी कंपनी इसे खरीदने में रुचि रखती है, और इसकी कीमत अरबों डॉलर हो सकती है।" उन्होंने आगे बताया कि Yahoo की मूल कंपनी Apollo Global Management इस डील को आगे बढ़ाने में सक्षम है।
यह मामला उस बड़ी सुनवाई का हिस्सा है, जो यह निर्धारित कर रही है कि क्या Google ने इंटरनेट सर्च मार्केट में अपने प्रभुत्व का गलत इस्तेमाल किया है। अमेरिकी न्याय विभाग का मानना है कि Chrome, Google के एकाधिकार को बनाए रखने का एक बड़ा जरिया रहा है।
हालांकि, Google के वकील जॉन श्मिटलीन ने सरकार के इन प्रस्तावों को "अत्यधिक और मौलिक रूप से त्रुटिपूर्ण" बताया है। उनका तर्क है कि Google ने मार्केट में अपनी जगह "न्यायोचित तरीके से" बनाई है और Chrome को बेचने से प्रतिस्पर्धियों को अनुचित लाभ मिलेगा।
इस डील की दौड़ में Yahoo अकेला खिलाड़ी नहीं है। ChatGPT डेवलपर OpenAI और AI सर्च इंजन Perplexity भी Google Chrome में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास ने कहा कि उनकी कंपनी एक वेब ब्राउज़र चाहती है जिससे उनके AI मॉडल को और बेहतर ट्रेन किया जा सके और यूज़र्स की ऑनलाइन गतिविधियों को समझकर उन्हें बेहतर अनुभव दिया जा सके।
सुनवाई अभी जारी है, लेकिन अगर अदालत Google को Chrome बेचने का आदेश देती है, तो यह टेक इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ होगा।