
28 मई 2025। दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों के बढ़ते वर्चस्व और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संचालित साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए, मॉस्को साइबर सुरक्षा सम्मेलन ने डिजिटल युग की नई चुनौतियों पर दुनिया भर के विशेषज्ञों को एक मंच पर जुटाया।
पिछले हफ्ते आयोजित पॉजिटिव हैक डेज़ (PHDays) फेस्टिवल 2025, इतिहास का सबसे बड़ा संस्करण साबित हुआ, जिसमें 40 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। लुज़्निकी स्टेडियम में आयोजित इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम में 1.5 लाख से अधिक लोग भौतिक रूप से और 1.8 लाख से ज्यादा लोग ऑनलाइन शामिल हुए।
??? डिजिटल संप्रभुता बनी केंद्र बिंदु
इस बार सम्मेलन की मुख्य थीम रही डिजिटल संप्रभुता — यानी विदेशी टेक दिग्गजों पर निर्भरता कम कर आत्मनिर्भर साइबर ढांचा विकसित करना।
पश्चिमी तकनीकी सेवाओं से कटने के बाद रूस द्वारा विकसित वैकल्पिक डिजिटल इकोसिस्टम को वैश्विक मंच पर सामने लाया गया।
पॉजिटिव टेक्नोलॉजीज के अरबपति संस्थापक यूरी मैक्सिमोव ने बिग टेक कंपनियों के "डिजिटल अधिनायकवाद" की आलोचना करते हुए कहा कि छोटी साइबर कंपनियों को ज्ञान साझाकरण के ज़रिए सशक्त किया जाना चाहिए ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि ग्राहकों को खुद अपनी साइबर सुरक्षा का संचालन सिखाना, दीर्घकालीन सुरक्षा समाधान का हिस्सा होना चाहिए।
? AI-संचालित धोखाधड़ी पर बढ़ती चिंता
सम्मेलन में AI से प्रेरित साइबर क्राइम एक बड़ी चिंता के रूप में उभरा।
रूस के गृह मंत्रालय के अधिकारी डैनिल फिलिपोव ने बताया कि देश में होने वाले करीब 50% साइबर अपराध विदेश से संचालित होते हैं, जिनमें वित्तीय धोखाधड़ी से लेकर उकसावे तक शामिल हैं।
बैंक ऑफ रूस के सलाहकार एल्मन मेख्तिएव ने चेतावनी दी कि रियल-टाइम ट्रांसलेशन सॉफ्टवेयर में AI की तरक्की, अपराधियों को भाषाई सीमाओं से आज़ादी दिला सकती है — जिससे वैश्विक स्तर पर स्कैमिंग और फिशिंग के मामलों में तेज़ी आने की आशंका है।
?? हैकर वॉर और 'फ्रॉड रूले' की झलक
सम्मेलन में साइबरवारफेयर चैंपियनशिप का आयोजन हुआ, जिसमें दुनिया भर की 40 से अधिक हैकर टीमों ने हिस्सा लिया। टीमें महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर नकली साइबर हमलों में प्रतिस्पर्धा करती दिखीं।
साथ ही 'Fraud Roulette' नाम की एक रोचक पहल ने दर्शकों का ध्यान खींचा। इस प्रयोग में टी-बैंक द्वारा तैयार एक तकनीक से, फर्जी कॉल करने वाले स्कैमर्स को ऐसे वॉलंटियर्स से जोड़ा गया जो जानबूझकर उनका समय बर्बाद कर सकें।
617 कॉल्स में 10 घंटे से अधिक समय बर्बाद करवाकर, इस पहल ने धोखेबाजों को लगभग $1,600 (₹1.33 लाख) की संभावित कमाई से वंचित किया।