
10 मई 2025। भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच "सूचना युद्ध" (Information Warfare) को लेकर मेजर गौरव आर्य ने The Chanakya Dialogues में एक गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि यह युद्ध का एक नया, लेकिन खतरनाक रूप है, जो बंदूक और बम के बजाय झूठी खबरों और मनोवैज्ञानिक रणनीतियों से लड़ा जाता है।
मेजर आर्य ने कहा, "सूचना युद्ध असल में फिफ्थ जनरेशन वॉरफेयर (Fifth Generation Warfare) का हिस्सा है। इसमें टैंक और मिसाइलों के साथ-साथ सोशल मीडिया, फेक न्यूज़ और प्रोपेगेंडा जैसे नॉन-काइनेटिक हथियारों का भी प्रयोग होता है।"
उन्होंने बताया कि प्राचीन समय से लेकर अब तक युद्ध की परिभाषाएं बदलती रही हैं:
पहले लकड़ी-पत्थरों से लड़ाई होती थी (फर्स्ट जनरेशन)
फिर घोड़ों और तलवारों का प्रयोग हुआ (सेकंड जनरेशन)
तोप, बंदूकें और विमान आए (थर्ड जनरेशन)
जेट्स और न्यूक्लियर हथियार (फोर्थ जनरेशन)
और अब सूचना युद्ध का युग शुरू हो गया है (फिफ्थ जनरेशन)
मेजर आर्य ने उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने भारत के पांच राफेल विमान गिरा दिए। इस खबर ने सोशल मीडिया पर तेजी से आग पकड़ी और लोगों में भ्रम फैलाया। जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ से CNN ने सबूत मांगे तो उनका जवाब था – "सोशल मीडिया देख लीजिए।"
इस पर मेजर आर्य ने तीखा तंज कसते हुए कहा, "अगर मैं कह दूं कि 15 राफेल गिर गए तो क्या मेरा कह देना ही प्रमाण है? किसी के कहने से सच्चाई नहीं बदलती।"
उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में सवाल पूछना न सिर्फ अधिकार है बल्कि कर्तव्य भी है, लेकिन सूचना युद्ध का उद्देश्य ही यही होता है – लोगों को उनके ही देश और संस्थानों पर शक करने पर मजबूर कर देना।
मेजर गौरव आर्य ने चेताया कि पाकिस्तान जैसे देश भारत में लोकतंत्र की इस खुली प्रवृत्ति का फायदा उठाकर झूठी खबरों और मनोवैज्ञानिक हमलों के ज़रिये समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं।
सूचना युद्ध एक नया मोर्चा है जिसमें दुश्मन बंदूक की जगह मन का नियंत्रण चाहता है। ऐसे में नागरिकों को सावधान रहने की जरूरत है कि वे किस जानकारी पर विश्वास कर रहे हैं।