
14 मई 2025। साइबर अपराधी लगातार अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव करते हुए अब इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) के डिजिटल बचत खातों का इस्तेमाल "खच्चर खातों" के रूप में कर रहे हैं। पूछताछ में सामने आया है कि ये जालसाज देश के अलग-अलग राज्यों में खोले गए आईपीपीबी खातों के जरिए ठगी से प्राप्त राशि हासिल कर रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, पहले निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा सख्त केवाईसी (KYC) और खाता निगरानी के चलते साइबर ठगों को इन बैंकों के माध्यम से फर्जी लेन-देन करना मुश्किल हो गया है। अब उन्होंने आईपीपीबी के अपेक्षाकृत आसान डिजिटल खाता खोलने की प्रक्रिया को अपना नया जरिया बना लिया है।
एक हालिया मामले में, साइबर क्राइम ब्रांच ने कानपुर से एक कुख्यात साइबर ठग को गिरफ्तार किया था, जो मध्यप्रदेश समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में लोगों को धोखा दे चुका था। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह टेलीग्राम चैनलों के माध्यम से अन्य राज्यों के लोगों से IPPB खच्चर खाते खरीदता था और उनका इस्तेमाल ठगी की रकम ट्रांसफर करने में करता था।
खच्चर खातों का गढ़ बन रहे हैं फर्जी रेंट एग्रीमेंट
पुलिस को संदेह है कि खच्चर खाता आपूर्तिकर्ता गिरोह अब IPPB खातों को प्राथमिकता इसलिए दे रहे हैं क्योंकि इन्हें आधार कार्ड और रेंट एग्रीमेंट के आधार पर आसानी से खोला जा सकता है – भले ही खाता धारक उस शहर या राज्य का निवासी न हो।
जांच में यह भी सामने आया है कि कई खाताधारक उन पते पर वास्तव में रहते ही नहीं थे, जो उन्होंने दस्तावेजों में दर्शाए थे। कई रेंट एग्रीमेंट फर्जी पाए गए, वहीं कई मामलों में मकान मालिकों ने बताया कि संबंधित व्यक्ति वर्षों पहले वह कमरा छोड़ चुका है।
एक चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि कुछ खच्चर खाताधारकों ने जानबूझकर भोपाल में किराये पर कमरे लिए और फिर उसी पते का उपयोग कर बैंक खाता खुलवाया – जिसका उद्देश्य सिर्फ अवैध लेन-देन करना था।
पुलिस सतर्क, बैंक दे रहे सहयोग
बैंकों ने भी अब सतर्कता बढ़ा दी है। वे संदिग्ध खातों की पहचान कर पुलिस को जानकारी साझा कर रहे हैं ताकि खच्चर खाता धारकों और उनके नेटवर्क को पकड़ा जा सके।
पुलिस का मानना है कि इस गिरोह की जड़ें कई राज्यों में फैली हुई हैं और आगे की जांच में और नाम सामने आ सकते हैं।
विशेष नोट: यदि आप किसी संदिग्ध बैंक खाता गतिविधि या साइबर ठगी के शिकार हुए हैं, तो तुरंत अपने नजदीकी साइबर थाना या हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।