
1 मई 2025। एक युग की संभावित समाप्ति की आहट सुनाई दे रही है। दुनिया पर दशकों तक राज करने वाला Google Search अब अपने एकाधिकार को खोता दिख रहा है। Statcounter के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, Google का वैश्विक सर्च इंजन बाजार में हिस्सा 89.71% पर आ गया है — जो पिछले 10 वर्षों में पहली बार 90% से नीचे गिरा है।
📉 डेस्कटॉप पर गिरावट और भी गहरी
डेस्कटॉप प्लेटफ़ॉर्म पर Google की हिस्सेदारी 79.1% तक गिर गई है, और यूरोप जैसे क्षेत्रों में यह 77.78% पर आ चुकी है। इसका मतलब है कि धीरे-धीरे लेकिन ठोस तौर पर लोग Google से दूर हो रहे हैं।
🤔 क्यों घट रही है Google की पकड़?
ईमेल सेवा टुटा की मार्केटिंग प्रमुख हन्ना बोज़ाकोव का मानना है कि यह सिर्फ एक संख्यात्मक गिरावट नहीं, बल्कि एक बड़े बदलाव की शुरुआत है। उनके अनुसार, यह 50 मिलियन से अधिक यूज़र्स के Google सर्च छोड़ने का संकेत है।
"लोग अब गोपनीयता, डेटा नियंत्रण और Big Tech के एकाधिकार को लेकर ज़्यादा जागरूक हो रहे हैं।" – हन्ना बोज़ाकोव
🕵️♂️ 'Embedded Monopoly' और यूज़र का मोहभंग
बोज़ाकोव कहती हैं कि Google ने वर्षों तक Apple, Mozilla जैसे ब्राउज़रों को भुगतान कर अपना सर्च इंजन डिफ़ॉल्ट बनाए रखा, जिससे नई और स्वतंत्र सेवाओं को उभरने का मौका नहीं मिला। इस एकाधिकारवादी रवैये के खिलाफ अब अदालतें भी खड़ी हो रही हैं। अमेरिकी फेडरल जज अमित मेथा ने भी Google को उसके दुरुपयोग के लिए फटकार लगाई है।
💥 क्या विकल्प सामने हैं?
हालांकि Google अब भी बाजार पर भारी है, लेकिन विकल्पों की तलाश बढ़ रही है:
Bing: 4.01%
Yahoo: 1.14%
Yandex: 1.52%
Baidu (चीन): 1.18%
DuckDuckGo, Tuta Search, StartPage जैसे गोपनीयता-प्रथम विकल्प तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
Google की बादशाहत भले अभी खत्म न हो, लेकिन उसकी नींव में दरारें पड़नी शुरू हो चुकी हैं। तकनीकी परिदृश्य में बदलाव की बयार चल रही है — और यह शायद उस "पोस्ट-Google युग" की शुरुआत है जहां यूज़र विकल्प और गोपनीयता को प्राथमिकता देंगे।