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अब मुख्य खनिज के साथ निकलने वाले गौण खनिज की भी ई-परिवहन अनुज्ञा मिलेगी

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 917

Bhopal: सरकार ने किया नया प्रावधान
21 फरवरी 2020। राज्य सरकार ने नया प्रावधान जारी किया, इसके अनुसार, अब मेजर मिनरल यानि मुख्य खनिज के साथ निकलने वाले गौण खनिज के परिवहन की भी ई-खनिज पोर्टल से आनालाईन अनुज्ञा मिल जायेगी। ज्ञातव्य है कि सिर्फ गौण खनिज वाले खनन स्थलों से खनित खनिज के निपटारे हेतु ई-टीपी जारी करने का अलग प्रावधान है जबकि मुख्य खनिज ई-टीपी जारी करने का भी अलग प्रावधान है परन्तु मुख्य खनिज के साथ निकलने वाले गौण खनिज के निपटारे हेतु कोई प्रावधान नहीं है।
सभी जिला कलेक्टरों को जारी हुये नये प्रावधान :
राज्य के खनिज विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को ये नये प्रावधान जारी किये हैं। इसमें कहा गया है कि वर्तमान में खनिज विभाग द्वारा संचालित ई-खनिज पोर्टल में खनि पट्टे से मुख्य खनिज के साथ गौण खनिज की ई-टीपी जारी करने का प्रावधान नहीं है। इससे मुख्य खनिज के खनन स्थल पर गौण खनिज का ओवरबर्डन हो जाता है। ओवरबर्डन रुपी गौण खनिज के निपटारे हेतु राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि जब तक मुख्य खनिज के साथ गौण खनिज की ई-टीपी करने का प्रावधान ई-खनिज पोर्टल पर नहीं हो जाता, तक तक अस्थाई रुप से गौण खनिज के लिये ई-खनिज पोर्टल पर परिवहन अनुज्ञा जारी कर ओवरबर्डन रुपी गौण खनिज का परिवहन तीन शर्तों के अधीन किया जा सकेगा। ये तीन शर्ते हैं : एक, संबंधित जिलों के खनि अधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण कर निटारे वाले गौण खनिज की मात्रा का सत्यापन प्रति माह करते हुये शेष स्टॉक का सत्यापन किया जायेगा। दो, गौण खनिज की सत्यापित मात्रा के परिवहन हेतु अग्रिम रायल्टी आनलाईन जमा कर परिवहन अनुज्ञा जारी की जायेगी। तीन, परिवहित खनिज की मात्रा का लेखा पट्टाधारी द्वारा सम्पूर्ण ठेका अवधि तक संधारित एवं सुरक्षित रखा जायेगा।
जिला कलेक्टरों को बताया गया है कि उक्त अस्थाई व्यवस्था अधिकतम 30 जून 2020 तक अथवा ई-खनिज पोर्टल में पृथक व्यवस्था बनाये जाने तक की अवधि में लागू रहेगी।
इसलिये किया यह प्रावधान :
मुख्य खनिज के साथ निकलने वाले गौण खनिज के निपटारे हेतु मेनुअली परिवहन अनुज्ञा दी जा रही थी। लेकिन अब सभी व्यवस्था आनलाईन हो गई है। ट्रेजरी में भुगतान भी आनलाईन ही हो रहा है। चूंकि खनिज विभाग को अपनी राजस्व आय का लक्ष्य भी इस वित्त वर्ष में पूरा करना है, इसलिये यह नई अस्थाई आनलाईन व्यवस्था की गई है। मुख्य खनिज के साथ निकलने वाले गौण खनिज की भी रायल्टी अब सरकार को जल्द आनलाईन मिल सकेगी।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि मुख्य खनिज निकालने के दौरान पत्थर, गिट्टी आदि बहुत सारा गौण खनिज भी निकलता है। इस गौण खनिज का खनन स्थल पर ढेर जमा हो रहा था क्योंकि उसके निपटारे हेतु अब तक कोई आनलाईन व्यवस्था नहीं थी। हाल ही में लाईम स्टोन के खनन के मामले में यह बात सामने आई थी। इसीलिये यह नया अस्थाई प्रावधान जारी किया गया है। इसमें जिला खनिज अधिकारी मुख्य खनिज के खनन स्थल पर गौण खनिज की मात्रा का निर्धारण करेगा। फिर उसे भारत सरकार के इण्डियन ब्यूरो आफ माईन्स को भेजा जायेगा। ब्यूरो इसका सत्यापन कर एक सर्टिफिकेट जारी कर प्रदेश के खनिज संचालक को भेजेगा। खनिज संचालक के आदेश पर जिले के खनिज अधिकारी ई-खनिज पोर्टल से अग्रिम रायल्टी जमा परिवहन अनुज्ञा जारी करेगा।



- डॉ. नवीन जोशी

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