19 अगस्त 2020। अब प्रदेश में विकास प्राधिकरणों द्वारा घोषित नगर विकास स्कीम में दस साल तक कोई विकास कार्य नहीं हुआ है तो वह स्वमेव स्थगित हो जायेगी। यह नया प्रावधान शिवराज सरकार ने टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग के नियमों में संशोधन के जरिये किया है।
नये संशोधनों में यह भी कहा गया है कि यदि स्कीम में विकास कार्य प्रशासकीय व्यय दस प्रतिशत से कम किया गया है और भूमि स्वामियों द्वारा इस व्यय कि प्रतिपूर्ति कर दी गई है तो भी यह स्कीम रद्द हो जायेगी। स्कीम को रद्द करने की सूचना राजपत्र में प्रकाशित की जायेगी। टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग के संचालक रद्द हुई स्कीम के क्षेत्र में 17 फरवरी 2020 से छह माह की अवधि तक समस्त विकास प्रतिषिध्द कर देगा। लेकिन वह रद्द स्कीम के क्षेत्र को शामिल करते हुये किसी भी समय नवीन स्कीम तैयार कर सकेगा।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने 17 फरवरी 2020 को मप्र नगर तथा ग्राम निवेश संशोधन कानून प्रभावशील किया था जिसके अमलीकरण हेतु अब नियम बनाये गये हैं। नगर विकास स्कीम के तहत दस साल तक विकास कार्य न होने पर यह रद्द हो जायेगी। स्कीम में विकास के बाद भूमि स्वामियों को पचास प्रतिशत भूखण्ड वापस करने का भी प्रावधान है। नये नियम बनाये गये हैं जिन्हें प्रभावशील किया जायेगा।
- डॉ. नवीन जोशी
प्रदेश में अब विकास कार्य न होने पर नगर विकास स्कीम स्वमेव रद्द हो जायेगी
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Bhopal 👤By: DD Views: 1104
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