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भोपाल: 5 सितंबर 2023। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत अब करोड़ों ग्राहक सीधे यूपीआई के माध्यम से डिजिटल रुपये का लेन-देन कर सकेंगे। इससे डिजिटल रुपये के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
एसबीआई ने एक स्टेटमेंट में बताया कि उसकी नई पहल ने यूपीआई को डिजिटल रुपये के साथ इंटरऑपरेबल बना दिया है। ग्राहक इस सर्विस का लाभ ईरुपी बाय एसबीआई ऐप के जरिए उठा सकते हैं। इस ऐप की मदद से यूजर कहीं भी दुकान पर या किसी भी जगह पर यूपीआई क्यूआर कोड स्कैन कर सीधे डिजिटल रुपये से भुगतान कर सकते हैं।
एसबीआई का कहना है कि उसका यह कदम यूजर्स को सहूलियत और आसानी से उपलब्धता का फायदा दिलाएगा। बैंक ने कहा कि यूपीआई के साथ सीबीडीसी को इंटीग्रेट करने से लोगों के बीच डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल बढ़ेगा। इस तरह लोग अब रोजाना के लेन-देन में डिजिटल रुपये का ज्यादा इस्तेमाल कर पाएंगे।
भारत में सीबीडीसी की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 में की थी। उसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1 दिसंबर 2022 से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का परीक्षण शुरू किया था। अभी प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के साथ-साथ लगभग सारे प्रमुख बैंक सीबीडीसी के साथ जुड़ चुके हैं। एसबीआई का जुड़ना इस कारण खास है कि वह ग्राहकों की संख्या, ब्रांचों की संख्या और दूर-दराज के इलाके तक पहुंच के मामले में अन्य सभी बैंकों से कोसों आगे है।
यहां एसबीआई की नई पहल के कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:
अब करोड़ों ग्राहक सीधे यूपीआई के माध्यम से डिजिटल रुपये का लेन-देन कर सकेंगे।
यह एसबीआई की डिजिटल रुपये पेशकश को और अधिक सुलभ और सुविधाजनक बना देगा।
यह डिजिटल रुपये के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
एसबीआई भारत का सबसे बड़ा बैंक है, इसलिए उसकी इस पहल का देश भर में बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है।
एसबीआई की इस पहल को भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।