प्रदेश में पहली व दूसरी कक्षा की शुरुआत होगी कहानी से

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: वेब डेस्क                                                                Views: 17480

25-अक्टूबर-2016, अब प्रदेश की प्रत्येक प्राथमिक शाला की पहली एवं दूसरी कक्षा की शुरुआत शिक्षक द्वारा कहानी वाचन से होगी। यह अनिवार्य कर दिया गया है। पहली बार शिवराज सरकार के चल रहे कार्यकाल में दादा-दादी एवं अन्य द्वारा बच्चों को कहानी सुनाने की प्राचाीन परम्परा अपनाई गई है। इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयों को निर्देश जारी कर दिये हैं।



निर्देशों में कहा गया है कि कक्षा पहली एवं कक्षा दूसरी हेतु कहानी शिक्षण को न केवन कक्षा शिक्षण का हिस्सा बनाना आवश्यक है, वरन् शैक्षेणेत्तर गतिविधियों के अंतर्गत भी कहानी सुनने/सुनाने को अनिवार्य गतिविधि के रुप में शाला गतिविधि का हिस्सा बनाया जाये। इस हेतु कक्षा शिक्षण के साथ-साथ बालसभा की गतिविधि में भी कहानी सुनने/सुनाने को सम्मिलित किया जाये। बालसभा में वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के अभिभावकों को भी कहानी सुनाने के लिये आमंत्रित किया जा सकेगा।



निर्देशों में बताया गया है कि प्राचीन काल में बच्चों को कहानी सुनाना शिक्षा प्रदान करने की बुनियाद हुआ करती थी जिसमें शिक्षक बच्चों को कई कहानियों का उदाहरण देकर किसी पाठ को समझाते थे। वर्तमान समय में शिक्षण प्रक्रिया वहां नीरस हो जाती है, जहां शिक्षक बच्चों के बीच मित्रवत संबंध स्थापित नहीं हो पाता है। बच्चे खुलकर शिक्षक से अपनी जिज्ञासा को उजागर नहीं कर पाते और यह बच्चों के सीखने में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न करता है। निर्देशों में यह भी साफ किया गया है कि कहानी किसी प्रकार के पूर्वाग्रहों से ग्रसित नहीं होना चाहिये और न ही बहुत अधिक उपदेशात्मक होना चाहिये।



- डॉ नवीन जोशी

Related News

Global News