
19 दिसंबर 2024। केंद्र सरकार ने साइबर अपराधों से निपटने और ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें 'राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल' और 'साइबर दोस्त' जैसी पहलें शामिल हैं।
प्रमुख पहल और उपलब्धियां
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल:यह पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) सभी प्रकार के साइबर अपराध, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को रिपोर्ट करने के लिए जनता को सक्षम बनाता है।
पोर्टल पर रिपोर्ट किए गए मामलों को संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा आगे की कार्रवाई के लिए भेजा जाता है।
नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी प्रबंधन प्रणाली:
2021 में शुरू की गई इस प्रणाली के जरिए अब तक 9.94 लाख शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है।
24x7 कार्यरत हेल्पलाइन नंबर (1930) पीड़ितों को मार्गदर्शन प्रदान करता है।
प्रशिक्षण और जागरूकता:
'साइट्रेन' पोर्टल के माध्यम से 98,698 पुलिस अधिकारी पंजीकृत हुए और 75,591 प्रमाण पत्र जारी किए गए।
साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए 131.60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 24,600 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।
आई4सी की पहल:
6.69 लाख सिम कार्ड और 1.32 लाख IMEI नंबर ब्लॉक किए गए।
विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के 7,330 अधिकारियों को साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया।
साइबर दोस्त अभियान:
सोशल मीडिया और रेडियो अभियानों के जरिए जनता को ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
किशोरों/छात्रों के लिए हैंडबुक, डिजिटल अरेस्ट घोटालों पर विशेष पोस्ट, और रेलवे स्टेशनों व हवाई अड्डों पर डिजिटल प्रदर्शन के जरिए जागरूकता बढ़ाई जा रही है।
कानूनी प्रावधान और कार्रवाई:
साइबर अपराधों को रोकने के लिए आईटी अधिनियम, पोक्सो अधिनियम, और भारतीय न्याय संहिता (2023) के तहत कठोर प्रावधान लागू किए गए हैं।
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकने के लिए ‘निर्भया फंड’ के तहत विशेष वित्तीय सहायता दी गई।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने राज्यसभा में इस विषय पर जानकारी दी और कहा कि सरकार ऑनलाइन उत्पीड़न और वित्तीय धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराधों से निपटने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
सरकार का उद्देश्य:
साइबर अपराधों पर सख्ती और डिजिटल क्षेत्र में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना। जनता की जागरूकता और बेहतर प्रबंधन के जरिए ऑनलाइन सुरक्षा का एक मजबूत तंत्र विकसित करना।