
14 अगस्त 2025। AI स्टार्टअप Perplexity AI के चेयरमैन अरविंद श्रीनिवास ने Google Chrome ब्राउज़र को खरीदने के लिए सभी कैश में $34.5 बिलियन (करीब ₹3.02 लाख करोड़) की भारी-भरकम पेशकश की है। कंपनी ने Chromium को खुला-स्रोत बनाए रखने, Chrome में अगले दो सालों में $3 बिलियन का निवेश करने, और Google को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाए रखने की भी गारंटी दी है।
यह प्रस्ताव तब आया है जब अमेरिका में GOOG पर उसकी सर्च मार्केट में वर्चस्व के कारण एंटीट्रस्ट मामला चल रहा है, और Google को ब्राउज़र अलग करने के लिए मजबूर किया जा सकता है। IBM, SoftBank और Nvidia जैसे बड़े निवेशकों से समर्थित Perplexity की यह चाल इंटरनेट जगत में हलचल मचा चुकी है, लेकिन Google ने इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
▪️ क्या है यह प्रस्ताव?
Perplexity AI ने Alphabet (Google की पैरेंट कंपनी) को एक पत्र भेजकर $34.5 बिलियन (₹3.02 लाख करोड़ से अधिक) सभी कैश में Chrome खरीदने का प्रस्ताव रखा है।
Perplexity ने Chromium को ओपन-सोर्स बनाए रखने, Chrome के डेवलपमेंट में अगले 2 वर्षों में $3 बिलियन निवेश करने, और Google को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाए रखने की प्रतिबद्धता भी जताई है।
सिंगल पीज़ AI कंपनी Perplexity, जिसकी हालिया वैल्यूएशन लगभग $18–$20 बिलियन है, ने यह प्रस्ताव किया है।
कंपनी की रणनीति है कि यह अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा Google पर थोपे जा रहे एंटी-ट्रस्ट उपायों का लाभ उठाकर ब्राउजर मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत करे।
▪️ Google की स्थिति और कानूनी चुनौती: Google ने अभी तक Chrome को बेचने का कोई संकेत नहीं दिया है और वह अमेरिकी कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील कर रहा है।
अदालत में यह मामला कई वर्षों तक लड़ने की संभावना है, क्योंकि Google का तकनीकी इकोसिस्टम Chrome से गहराई से जुड़ा हुआ है।