
28 जुलाई 2025। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के अग्रदूत और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता जेफ्री हिंटन ने दुनिया की सरकारों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने अभी मिलकर काम नहीं किया, तो AI की बढ़ती ताकत पर नियंत्रण पाना असंभव हो जाएगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मानवता के लिए सुरक्षित और गैर-शत्रुतापूर्ण AI विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है।
विश्व कृत्रिम बुद्धिमत्ता सम्मेलन (WAIC) में शंघाई में बोलते हुए हिंटन ने कहा, “भले ही देशों के अपने-अपने राष्ट्रीय हित हों, पर कोई भी राष्ट्र ऐसा एआई नहीं चाहता जो मानवता पर हावी हो जाए।” उन्होंने चेताया कि जिस रफ्तार से AI विकसित हो रही है, वह जल्द ही मानव बुद्धिमत्ता से आगे निकल सकती है।
AI को बताया ‘बाघ शावक’
हिंटन ने AI की तुलना एक बाघ के शावक से की और कहा, "यदि आपके पास पालतू बाघ शावक है, तो आपके पास दो ही विकल्प हैं – या तो उसे इस तरह प्रशिक्षित करें कि वह आपको कभी नुकसान न पहुंचाए, या फिर उससे छुटकारा पा लें।" उन्होंने आगाह किया कि जैसे-जैसे AI अधिक बुद्धिमान होता जाएगा, वह अपने कामों के लिए अधिक नियंत्रण और स्वतंत्रता मांगेगा। और जब वह मानव क्षमताओं से आगे निकल जाएगा, तब उसे "बंद कर देना" संभव नहीं रहेगा।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अपील
हिंटन ने स्वीकार किया कि आक्रामक AI के उपयोग – जैसे कि साइबर हमले, घातक स्वायत्त हथियार, और फेक वीडियो द्वारा जनमत को प्रभावित करना – के क्षेत्र में देशों का सहयोग मुश्किल हो सकता है। लेकिन उन्होंने सुझाया कि अत्यधिक बुद्धिमान AI को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्र मिलकर एक वैश्विक नेटवर्क या संस्था बना सकते हैं, जो यह सुनिश्चित करे कि AI का लक्ष्य इंसानों से छुटकारा पाना न हो।
उन्होंने इस मॉडल की तुलना शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और सोवियत संघ के बीच परमाणु अप्रसार समझौते से की।
"हम बच्चे होंगे, AI वयस्क"
AI के तेजी से बढ़ते विकास की ओर इशारा करते हुए हिंटन ने कहा, “हम इंसान AI की तुलना में तीन साल के बच्चों जैसे होंगे, जबकि वे वयस्क बन चुके होंगे। तब उनके सामने हमें नियंत्रित करना आसान होगा।”
अमेरिका-चीन पर बयान
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि "तर्कसंगत" देशों के लिए इस दिशा में सहयोग करना आसान हो सकता है, लेकिन उन्होंने यह भी माना कि अमेरिका में मौजूदा प्रशासन के तहत ऐसा कर पाना मुश्किल हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में व्हाइट हाउस ने AI में वैश्विक प्रभुत्व पाने की दिशा में एक नई "कार्ययोजना" पेश की है, जिसमें निवेश बढ़ाने और कुछ तकनीकी प्रतिबंधों को हटाने की बात कही गई है।
वहीं चीन ने भी AI क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय समन्वय के लिए एक वैश्विक संगठन स्थापित करने की मंशा जताई है। चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने सम्मेलन में कहा, “हमें वैश्विक AI गवर्नेंस ढांचे को विकसित करने के लिए समन्वय बढ़ाना चाहिए।”