
24 जुलाई 2025। केंद्र सरकार ने देश में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक समन्वित, तकनीकी और बहुस्तरीय रणनीति अपनाई है। संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत ‘पुलिस’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ राज्य का विषय है, लेकिन केंद्र सरकार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान कर उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEA) की क्षमता बढ़ा रही है।
◼️ साइबर अपराध के विरुद्ध केंद्र सरकार की प्रमुख पहलें:
I4सी की स्थापना
गृह मंत्रालय द्वारा ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (I4C) की स्थापना की गई है, जो देशभर में सभी प्रकार के साइबर अपराधों से समन्वित और प्रभावी तरीके से निपटने के लिए मुख्य संस्था के रूप में कार्य कर रहा है।
◼️ राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP)
https://cybercrime.gov.in पोर्टल के ज़रिए आम नागरिक सभी साइबर अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर सकते हैं, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की। प्राप्त शिकायतें राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को भेजी जाती हैं जहाँ FIR व जांच की कार्रवाई होती है।
◼️ वित्तीय साइबर धोखाधड़ी पर त्वरित नियंत्रण
I4C के अंतर्गत ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग एवं प्रबंधन प्रणाली’ (CFCFRMS) 2021 में शुरू की गई।
अब तक 17.82 लाख शिकायतों के माध्यम से 5,489 करोड़ रुपये से अधिक की रकम को धोखाधड़ी से बचाया गया।
टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 से त्वरित सहायता संभव हुई।
◼️ साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (CFMC)
एकीकृत केंद्र में बैंक, टेलीकॉम, आईटी कंपनियां और पुलिस एजेंसियां मिलकर साइबर ठगी मामलों में तत्काल कार्रवाई करती हैं।
◼️ SIM और IMEI ब्लॉकिंग
अब तक 9.42 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2.63 लाख से ज्यादा IMEI नंबर ब्लॉक किए जा चुके हैं।
◼️ साइबर सुरक्षा में क्षमता निर्माण
‘CCPWC योजना’ के तहत राज्यों को साइबर फोरेंसिक लैब, जूनियर साइबर कंसल्टेंट, और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है।
देशभर में 33 फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं।
अब तक 24,600 से अधिक LEA कर्मियों, अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
◼️ ऑनलाइन पाठ्यक्रम – साइट्रेन पोर्टल (CyTrain)
I4C द्वारा विकसित MOOC आधारित CyTrain पोर्टल पर 1.05 लाख से अधिक पुलिस अधिकारी पंजीकृत हैं।
अब तक 82,704 साइबर सुरक्षा सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं।
◼️ राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (जांच)
नई दिल्ली में स्थापित अत्याधुनिक लैब ने अब तक 12,460 साइबर अपराध मामलों में राज्यों को फोरेंसिक सहयोग प्रदान किया है।
◼️ MIS और प्रतिबिंब मॉड्यूल
I4C का प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) और प्रतिबिंब मॉड्यूल अपराधों के इंटरस्टेट लिंक और अपराधियों की भौगोलिक पहचान को उजागर करने में मदद कर रहा है।
इससे अब तक 10,599 अभियुक्तों की गिरफ्तारी,
63,019 जांच सहयोग अनुरोध
और 26,096 इंटरस्टेट कनेक्शन सामने आए हैं।
◼️ 'सहयोग' पोर्टल की शुरुआत
आईटी एक्ट की धारा 79(3)(b) के तहत, अवैध सामग्री को हटाने के लिए ‘सहयोग’ पोर्टल लॉन्च किया गया है।
9 केंद्रीय और 34 राज्य एजेंसियां,
72 आईटी कंपनियां,
35 वर्चुअल एसेट सेवा प्रदाता इससे जुड़ चुके हैं।
गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी और कहा कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए केंद्र की यह बहुआयामी रणनीति राज्यों के सहयोग से और अधिक प्रभावी बन रही है।