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फिल्म समीक्षा: ‘Mission: Impossible – Dead Reckoning Part One’ – बिखरी हुई लेकिन दमदार वापसी

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Place: मुंबई                                                👤By: prativad                                                                Views: 107

17 मई 2025 | मनोरंजन डेस्क|

रेटिंग: ★★★☆☆ (3/5)
कलाकार: टॉम क्रूज़, हेले एटवेल, विंग रेम्स, साइमन पेग, हेनरी चेर्नी, एसाई मोरालेस और अन्य
निर्देशक: क्रिस्टोफर मैकक्वेरी
रनटाइम: 169 मिनट

✍🏻️ समीक्षा: टॉम क्रूज़ की Mission: Impossible – Dead Reckoning Part One एक महंगी, लंबी और कभी-कभी उलझी हुई फिल्म है, लेकिन अपने दूसरे हिस्से में जबरदस्त एक्शन और थ्रिल के जरिए दर्शकों को बांधे रखने में सफल रहती है। यह फिल्म न सिर्फ पिछली कहानी को आगे बढ़ाती है, बल्कि पूरी फ्रैंचाइज़ी के सातों अध्यायों का सार भी समेटे हुए है — जिससे यह पुरानी यादों से भरपूर बन जाती है।

✍🏻️ कहानी में क्या है?
इस बार मिशन जुड़ा है "एंटिटी" नामक एक अत्याधुनिक, खतरनाक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से, जो गुमराह करने वाली सूचनाएं फैला कर वैश्विक संकट को जन्म दे सकती है। हंट के पास है इसका सोर्स कोड खोलने वाली ‘कुंजी’, जो एक डूबी हुई रूसी पनडुब्बी के भीतर छिपी है।

राष्ट्रपति द्वारा फिर से एक्टिव किए गए एथन हंट को इस बार अपने पुराने साथियों लूथर (विंग रेम्स) और बेनजी (साइमन पेग) के साथ नई सहयोगी ग्रेस (हेले एटवेल) की मदद लेनी पड़ती है। गेब्रियल (एसाई मोरालेस) नाम का खलनायक, एथन के इस मिशन को रोकने के लिए जान पर तुला है।

✨ एक्शन और निर्देशन:
फिल्म की शुरुआत भारी-भरकम संवादों और धीमी गति से होती है, जो शुरुआती घंटे को थका देने वाला बनाते हैं। लेकिन जैसे ही स्क्रिप्ट अपनी जटिलता से ऊपर उठती है, फिल्म गति पकड़ लेती है और शानदार एक्शन से भरपूर हो जाती है।

टॉम क्रूज़ का बाइप्लेन से हवा में लटकने वाला स्टंट हो या पनडुब्बी में फिल्माया गया इमोशनल हाईपॉइंट – Dead Reckoning कुछ दृश्यात्मक रूप से शानदार सीक्वेंस देता है। स्टंट कोऑर्डिनेटर वेड ईस्टवुड और सिनेमैटोग्राफर फ्रेजर टैगर्ट ने हर दृश्य को बड़े पैमाने पर जीवंत किया है।

✨ तकनीकी पक्ष और प्रदर्शन:
IMAX के एक्सक्लूसिव 1.90:1 फॉर्मेट में फिल्म के लगभग 45 मिनट दर्शकों को पूरी तरह इमर्सिव अनुभव देते हैं। क्रूज़ अपने टॉप फॉर्म में नजर आते हैं, हालांकि अधिकांश सह-कलाकार स्क्रीन पर सीमित गहराई दिखा पाते हैं।

फिल्म का म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर कहानी को इमोशनल और थ्रिलिंग बनाने में काफी मदद करता है, लेकिन स्क्रीनप्ले की अनावश्यक जटिलता और कुछ दोहराव कहानी को कमजोर भी बनाते हैं।

✍🏻️ फाइनल वर्डिक्ट:
Mission: Impossible – Dead Reckoning Part One तकनीकी रूप से प्रभावशाली लेकिन नैरेटिव के स्तर पर बिखरी हुई फिल्म है। यह फ्रैंचाइज़ी के फैंस को संतुष्ट करेगी, लेकिन नई ऑडियंस के लिए थोड़ा धैर्य मांगती है। इसका दूसरा भाग (Part Two) ही इस अध्याय को ऐतिहासिक बना सकता है।

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