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गूगल पर फ्रांस का बड़ा एक्शन: Gmail इनबॉक्स में विज्ञापन दिखाने पर €10 मिलियन का जुर्माना

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 220

– डेटा सुरक्षा उल्लंघन को लेकर CNIL ने दी कड़ी चेतावनी

8 जुलाई 2025। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल एक बार फिर डेटा प्राइवेसी विवादों में घिर गई है। फ्रांस के डेटा संरक्षण प्राधिकरण CNIL ने Gmail यूज़र्स के इनबॉक्स में बिना सहमति के विज्ञापन दिखाने को GDPR नियमों का उल्लंघन मानते हुए गूगल पर €10 मिलियन (लगभग ₹98 करोड़) का भारी-भरकम जुर्माना ठोका है।

❝ईमेल नहीं, विज्ञापन का जाल है इनबॉक्स❞
CNIL के मुताबिक Gmail में दिखाई देने वाले कई प्रचार ईमेल (Promotional Ads) इस तरह डिज़ाइन किए गए हैं कि वे वास्तविक ईमेल की तरह लगते हैं। यूज़र को भ्रम होता है कि यह कोई व्यक्तिगत संदेश है, जबकि वह एक विज्ञापन होता है।

जैसे- "Nike शूज़ पर 20% छूट" या "Revolut पर €300 कैशबैक पाएं" जैसी हेडलाइंस।

इन विज्ञापनों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि ये इनबॉक्स में उसी फॉर्मेट में पेश किए जाते हैं जैसे अन्य महत्वपूर्ण मेल — जैसे टिकट बुकिंग, नौकरी की सूचना या बैंक अपडेट। इससे यूज़र के लिए सच्चे और प्रचार मेल में अंतर कर पाना कठिन हो जाता है।

📌 CNIL का सख्त रुख
फ्रांसीसी नियामक का कहना है कि गूगल ने:

यूज़र्स से स्पष्ट सहमति लिए बिना इनबॉक्स में विज्ञापन दिखाए,

डिजाइन के ज़रिए गुमराह करने की रणनीति अपनाई, जिसे 'Dark Pattern' कहा जाता है।

CNIL ने यह स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई डेटा लीक को लेकर नहीं, बल्कि विज्ञापन पेश करने के तरीके पर केंद्रित है — जो यूज़र व्यवहार को प्रभावित करता है।

🆚 विज्ञापन-मुक्त सेवाओं की ओर रुझान
वहीं दूसरी ओर, कई ईमेल सेवाएं जैसे Proton Mail, Tuta Mail, और Skiff Mail आज भी एड-फ्री अनुभव देती हैं। ये कंपनियां:

यूज़र डेटा को स्कैन नहीं करतीं,

ईमेल इनबॉक्स को विज्ञापन स्पेस नहीं बनातीं,

और पूरी तरह से पेड सब्सक्रिप्शन मॉडल पर आधारित हैं।

इन प्लेटफॉर्म्स का दावा है कि वे यूज़र की निजता और नियंत्रण को प्राथमिकता देते हैं।

🔍 यूरोप में डिजिटल विज्ञापन पर सख्ती के संकेत
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह जुर्माना बरकरार रहा, तो यह मामला यूरोपीय संघ के डिजिटल अधिकारों के इतिहास में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। इससे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे अन्य प्लेटफॉर्म्स की भी जांच तेज हो सकती है — खासतौर पर उनके इनबॉक्स, फीड और नोटिफिकेशन में छिपे विज्ञापन तत्वों को लेकर।

📢 प्राइवेट स्पेस या विज्ञापन की दीवार?
Gmail जैसा सेवा मंच जब यूज़र के इनबॉक्स को ‘विज्ञापन बोर्ड’ की तरह उपयोग करता है, तो यह सवाल उठता है:
क्या आपका डिजिटल इनबॉक्स वाकई आपका है? या यह भी किराए पर दिया गया विज्ञापन स्पेस बन चुका है?

🖊 रिपोर्ट: Prativad Digital Desk
स्रोत: CNIL, CyberNews, यूरोपीय डेटा नियामक रिपोर्ट्स

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