
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बोले – किसानों को किसी भी हालत में घाटा नहीं होगा
भारतीय किसान संघ ने फैसले का किया स्वागत, कहा – मध्यप्रदेश मॉडल राज्य बनेगा
28 सितंबर 2025। मध्यप्रदेश सरकार ने सोयाबीन किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि प्रदेश में सोयाबीन उत्पादक किसानों को राहत देने के लिए भावांतर भुगतान योजना लागू की जाएगी। उन्होंने कहा, “किसानों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों को उचित दाम दिलाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी हालत में किसानों को घाटे में नहीं रहने देंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5328 प्रति क्विंटल है। किसानों और उनके संगठनों की मांग पर राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इस वर्ष सोयाबीन किसानों को भावांतर का सीधा लाभ दिया जाएगा।
पंजीयन होगा अनिवार्य, सीधे खाते में पहुंचेगी राशि
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसान मंडियों में पहले की तरह ही सोयाबीन का विक्रय करेंगे। यदि फसल एमएसपी से कम भाव पर बिकती है, तो सरकार अंतर की राशि सीधे किसानों के खातों में जमा करेगी। इसके लिए किसानों को योजना में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
ऐसे होगा भावांतर का आकलन
यदि मंडी में सोयाबीन का भाव एमएसपी से कम लेकिन राज्य सरकार के घोषित औसत मॉडल भाव से अधिक है, तो एमएसपी और वास्तविक बिक्री मूल्य का अंतर सरकार देगी।
यदि मंडी भाव औसत मॉडल भाव से भी कम है, तो एमएसपी और मॉडल भाव का अंतर किसानों को मिलेगा।
किसानों के साथ सदैव खड़ी है सरकार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार पहले भी किसानों को हर संकट में राहत देती रही है। बाढ़ प्रभावितों को सहायता, फसलों की क्षति पर मुआवज़ा और अब पीले मोज़ेक रोग से प्रभावित फसलों का सर्वे इसी नीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “किसानों की हर मुश्किल घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी रही है और आगे भी खड़ी रहेगी। भावांतर योजना किसानों के आत्मविश्वास को और मजबूत करेगी।”
किसान संगठनों ने फैसले का किया स्वागत
भारतीय किसान संघ, मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष कमल अंजना ने कहा,
“सोयाबीन को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने की हमारी मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भावांतर योजना लागू करने का फैसला लिया है। हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं और सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। हमारी कामना है कि भावांतर योजना पूरी तरह सफल हो और मध्यप्रदेश पूरे देश में एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित हो।”