
3 अक्टूबर 2025। मध्य प्रदेश सरकार अब कर्मचारियों को मिलने वाली छुट्टियों की संख्या कम करने पर विचार कर रही है। वजह – लगातार छुट्टियों के चलते कामकाज की रफ्तार थम जाती है और आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है। इसी मुद्दे पर गृह, वित्त, राजस्व और सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिवों की कमेटी गठित की गई है, जो तय करेगी कि छुट्टियां कम होंगी या फिर 5 डे वर्किंग सिस्टम खत्म किया जाएगा।
साल में 196 दिन छुट्टी
राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अक्टूबर महीने में ही कर्मचारियों को 12 घोषित और 4 ऐच्छिक छुट्टियां मिलीं। यानी 31 में से सिर्फ 15 दिन दफ्तर खुले। सालाना हिसाब देखें तो प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को कुल 196 दिन छुट्टी मिल रही है। कोरोना काल के दौरान लागू हुआ 5 डे वीक (शनिवार-रविवार अवकाश) भी अब समीक्षा के दायरे में है।
कर्मचारी संगठनों का विरोध
कर्मचारी संघों ने सरकार की योजना का विरोध किया है। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी का कहना है कि कर्मचारियों की असली छुट्टियां करीब 132-133 ही हैं। 47 ऐच्छिक छुट्टियां भले मिलती हैं, लेकिन कोई कर्मचारी इनमें से 3 से ज्यादा नहीं ले सकता। उनका तर्क है कि केन्द्र सरकार की तरह राज्य में भी 5 डे वर्किंग जारी रहनी चाहिए। अगर कटौती करनी ही है तो जयंतियों के नाम पर मिलने वाली छुट्टियां खत्म की जाएं।
मुख्य सचिव सख्त रुख में
प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन पहले भी छुट्टियों पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने दशहरे से एक दिन पहले (1 अक्टूबर) की प्रस्तावित छुट्टी को मंजूरी देने से इंकार कर दिया था। उनका कहना था कि अक्टूबर महीने में पहले से ही बहुत छुट्टियां हैं, ऐसे में और छुट्टी की कोई जरूरत नहीं।