आपका दिमाग हैक हो चुका: क्वांटम कंप्यूटिंग का डरावना सच

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1807

7 मार्च 2025। क्वांटम कंप्यूटिंग एक नई तकनीक है जो पारंपरिक कंप्यूटरों से लाखों गुना तेज़ी से डेटा प्रोसेस कर सकती है। लेकिन यह हमारी गोपनीयता और स्वतंत्रता के लिए बड़ा खतरा भी बन सकती है।

क्वांटम कंप्यूटिंग गोपनीयता को खत्म कर सकती है, जिससे सरकारें और कॉरपोरेट कंपनियां हमारे हर कदम को नियंत्रित कर सकती हैं। असली सवाल यह है: हमारी स्वतंत्र इच्छा कितनी बच पाएगी?

आपने शायद क्वांटम कंप्यूटिंग का नाम सुना होगा। या कम से कम यह जानते होंगे कि गूगल और माइक्रोसॉफ्ट अपनी खुद की क्वांटम चिप्स विकसित करने की दौड़ में लगे हुए हैं।

क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics) का उपयोग करके जानकारी को पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में करोड़ों गुना तेजी से प्रोसेस करती है।

यह सामान्य बिट्स की बजाय क्यूबिट्स (Qubits) का उपयोग करती है, जिससे यह जटिल समस्याओं को हल कर सकती है। लेकिन इसका उपयोग मानव व्यवहार की भविष्यवाणी करने, आपको मापने और आंकने में भी किया जा सकता है – और वह भी ऐसे तरीकों से जिनका आपको एहसास भी नहीं होगा।


🟥 कैसे बदल सकती है दुनिया?
क्वांटम कंप्यूटर ‘क्यूबिट्स’ का उपयोग करके जटिल समस्याओं को हल करते हैं। लेकिन इससे इंसानों के व्यवहार को भी समझा और नियंत्रित किया जा सकता है, बिना हमें पता चले।

🟥 क्या हमारी सुरक्षा सुरक्षित है?
आज हमारी सुरक्षा का आधार ‘एन्क्रिप्शन’ है, जिससे व्हाट्सऐप और सिग्नल जैसी ऐप्स हमारी बातचीत को सुरक्षित रखती हैं। लेकिन अगर क्वांटम कंप्यूटर इन सुरक्षा उपायों को तोड़ दे तो हमारी सभी निजी जानकारियां असुरक्षित हो जाएंगी।

🟥 क्या हमें चिंता करनी चाहिए?
Tuta Mail की विशेषज्ञ हन्ना बोझाकोव के अनुसार, कोई नहीं जानता कि क्वांटम कंप्यूटिंग कब पूरी तरह विकसित होगी। यह कल हो सकता है, अगले साल या अगले दशक में।

🟥 क्या यह हमारी सोच को नियंत्रित कर सकती है?
कल्पना करें कि आप किसी चुनाव को लेकर उलझन में हैं। क्वांटम एल्गोरिदम आपके इंटरनेट डेटा को देखकर आपके सामने ऐसी जानकारी पेश करेगा, जिससे आप अनजाने में एक खास निर्णय की ओर बढ़ेंगे।

🟥 तकनीकी होड़ में कौन आगे है?
अमेरिका, यूरोप और चीन इस तकनीक पर तेजी से काम कर रहे हैं। सवाल यह है कि जब कोई देश ‘क्वांटम प्रभुत्व’ हासिल कर लेगा, तो दुनिया का भविष्य कैसा होगा?

🟥 क्या समाधान है?
क्वांटम-प्रतिरोधी एन्क्रिप्शन विकसित किया जा सकता है, लेकिन यह महंगा और जटिल है। इसलिए अधिकतर कंपनियां इसे अपनाने में हिचकिचा रही हैं।

अगर क्वांटम कंप्यूटिंग का सही उपयोग नहीं किया गया तो यह हमारी गोपनीयता और स्वतंत्रता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। हमें सतर्क रहने और सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने की जरूरत है।

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