18 जुलाई 2018। प्रदेश में अब स्व सहायता समूहों के फेडरेशन को राज्य सरकार 50 लाख रुपये की राशि देगी। इस राशि को फेडरेशन द्वारा बैंक में एफडी के रुप में रखी जायेगी तथा इसके विरुध्द बैंक से लोन ले सकेगी।
दरअसल राज्य सरकार ने स्व सहायता समूहों को सहायता प्रदान करने के लिये वर्ष 2007 में स्व-सहायता संवध्र्दन नीति बनाकर लागू की थी। इसमें स्व-सहायता समूहों द्वारा फेडरेशन बनाये जाने पर उन्हें 25 लाख रुपये सरकार की ओर से दिये जाने का प्रावधान किया गया था। इस नीति के बाद वर्ष 2012 तक कुल 20 फेडरेशन को राज्य सरकार ने उक्त नीति के अनुसार 25 लाख रुपये दिये।
यह सहायता तब मिलती है जबकि फेडरेशन अपने कामकाज को चलाने के लिये पहले बिजनेस प्लान बनाये तथा उसके लिये अपने बैंक से इस प्लान को लोन हेतु एप्रूव कराये। बिजनेस प्लान एप्रूव होने के बाद राज्य सरकार के समक्ष आवेदन करना होता है और तब यह राशि मिलती है। यह राशि संबंधित बैंक में एफडी के रुप में रखना होती है तथा इसी एफडी के बदले बैंक द्वारा फेडरेशन को लोन दिया जाता है। फेडरेशन को बैंक में जमा की जाने वाली मार्जिन मनी का 5 प्रतिशत स्वयं जमा करना होता है।
राज्य सरकार के समक्ष वर्ष 2012 के बाद अब तक स्व-सहायता समूहों द्वारा फेडरेशन बनाकर 25 लाख रुपये लेने के लिये चार आवेदन आये हैं तथा चूंकि इन फेडरेशनों ने अपने बैंक से बिजनेस प्लान एप्रूव नहीं कराया इसलिये उन्हें यह 25 लाख रुपये की राशि नहीं मिल पाई है। अब राज्य सरकार ने स्व-सहायता समूहों को फेडरेशन के माध्यम से कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 2007 की नीति में संशोधन कर 25 लाख रुपये के स्थान पर 50 लाख रुपये राशि देने का प्रावधान कर दिया है। प्रदेश में इस समय करीब 2 लाख 19 हजार स्व सहायता समूह कार्यरत हैं।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि स्व सहायता समूह फेडरेशन बनाकर आगे आयें, इसके लिये वर्ष 2007 की नीति में संशोधन कर 25 लाख रुपये के स्थान पर 50 लाख रुपये सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मतबूत करने के लिये किया गया है।
? डॉ. नवीन जोशी
स्व सहायता समूहों के फेडरेशन को अब 50 लाख रुपये देगी सरकार
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Bhopal 👤By: DD Views: 1429
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