भोपाल: 10 अक्टूबर 2024। साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए गूगल ने एक नई और महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। गूगल ने ग्लोबल सिग्नल एक्सचेंज (GSE) की स्थापना की है, जो ऑनलाइन धोखाधड़ी और घोटालों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए एक केंद्रीयकृत प्लेटफॉर्म होगा। इस पहल में गूगल के साथ ग्लोबल एंटी-स्कैम एलायंस (GASA) और DNS रिसर्च फेडरेशन भी शामिल हैं। यह प्लेटफॉर्म गूगल के 3.2 अरब से अधिक उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा में वर्षों के अनुभव पर आधारित है और साइबर अपराधों को तेजी से पहचानने व रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ऑनलाइन धोखाधड़ी का वैश्विक केंद्रीकरण
ग्लोबल सिग्नल एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा, जो इंटरनेट पर सक्रिय साइबर अपराधियों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी की गतिविधियों से जुड़े सिग्नल्स को इकट्ठा और विश्लेषित करेगा। इस प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी के संकेतों को समय पर पहचानना और उन्हें रोकने की प्रक्रिया को अधिक सरल बनाना है। अब तक यह प्रक्रिया जटिल थी, क्योंकि इसमें विभिन्न स्रोतों से जानकारी आती थी, लेकिन इस केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म से यह कार्य अधिक कुशल और तेज़ हो जाएगा।
GASA और DNS रिसर्च फेडरेशन के सहयोग से यह प्लेटफॉर्म विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी को एकत्रित करेगा, ताकि इस पर निगरानी रखने वाली संगठनों को वास्तविक समय में ऑनलाइन घोटालों और साइबर अपराधों की जानकारी मिल सके।
पायलट प्रोग्राम की सफलता
GSE के पायलट प्रोग्राम में, गूगल ने 100,000 से अधिक धोखाधड़ी वाले शॉपिंग मर्चेंट्स के URLs को साझा किया और एक मिलियन से अधिक स्कैम सिग्नल्स का विश्लेषण किया। गूगल का क्लाउड प्लेटफॉर्म इस डेटा के आदान-प्रदान को संचालित करेगा, जिससे भागीदारों के लिए धोखाधड़ी की गतिविधियों की पहचान और उसे रोकने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
यह प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके साइबर अपराधों के पैटर्न और संकेतों का मिलान भी करेगा, जिससे रीयल-टाइम में धोखेबाजों की पहचान आसान हो जाएगी।
"हम शुरुआत में उन URLs को साझा करेंगे जिन पर हमने अपनी स्कैम नीतियों के तहत कार्रवाई की है, और पायलट प्रोग्राम से मिले अनुभव के आधार पर, हम जल्द ही अन्य गूगल प्रोडक्ट्स से भी डेटा जोड़ने की योजना बना रहे हैं," गूगल ने कहा।
साइबर अपराध की आपूर्ति श्रृंखला से निपटना
GSE का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत धोखाधड़ी को रोकना नहीं है, बल्कि ऑनलाइन घोटालों और साइबर अपराधों के पीछे की जटिल आपूर्ति श्रृंखला को उजागर करना भी है। यह प्लेटफॉर्म विभिन्न स्रोतों से एकत्रित डेटा का उपयोग करके साइबर अपराधों के संचालन में शामिल बड़े नेटवर्क और उनके सहयोगियों की पहचान करेगा। इसमें IP एड्रेस की ट्रैकिंग और अन्य साइबर अपराध से संबंधित रिपोर्टिंग शामिल होगी।
यह प्लेटफॉर्म आगे चलकर साइबर अपराधों के व्यापक रूपों, जैसे कि अन्य प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी और दुरुपयोग को भी कवर करेगा।
साइबर सुरक्षा के लिए एकजुट प्रयास
गूगल ने यह भी जोर दिया कि साइबर अपराध से निपटने के लिए विभिन्न क्षेत्रों, व्यवसायों, नागरिक समाज, और सरकारों के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता है। ग्लोबल सिग्नल एक्सचेंज इसी सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो साइबर अपराधों से निपटने और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाएगा।
यह पहल गूगल की अन्य साइबर सुरक्षा पहलों का हिस्सा है, जिसमें इस साल की शुरुआत में पेश किया गया "क्रॉस-अकाउंट प्रोटेक्शन" टूल भी शामिल है। यह टूल 3.2 अरब उपयोगकर्ताओं को साइबर अपराधों से बचाने में मदद करता है और संदेहास्पद घटनाओं की जानकारी को गोपनीयता बनाए रखते हुए साझा करने की अनुमति देता है।
2025 में लॉन्च की तैयारी
ग्लोबल सिग्नल एक्सचेंज का आधिकारिक लॉन्च 1 जनवरी, 2025 को किया जाएगा। जैसे-जैसे यह प्लेटफॉर्म विकसित होगा और अधिक भागीदार इसमें शामिल होंगे, यह ऑनलाइन घोटालों और साइबर अपराधों से लड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
गूगल का यह नया प्लेटफॉर्म धोखाधड़ी का मुकाबला करने के लिए वैश्विक सहयोग में नई ऊंचाईयां स्थापित करेगा, और यह साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है।
- दीपक शर्मा
गूगल ने लॉन्च की वैश्विक एंटी-स्कैम पहल, बनाया फ्रॉड से लड़ने के लिए नया प्लेटफॉर्म
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
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