
मनोरंजन उद्योग को सशक्त करने की ऐतिहासिक पहल
1 मई 2025। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘वेव्स समिट’ की देश के मनोरंजन जगत में जबरदस्त सराहना हो रही है। शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और करण जौहर जैसी फिल्मी हस्तियों ने इसे भारतीय मनोरंजन उद्योग को वैश्विक ऊंचाइयों तक ले जाने वाला एक “गेमचेंजर मंच” करार दिया है।
🎬 “वेव्स एक क्रांतिकारी कदम है”: शाहरुख खान
बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा,
“वेव्स मनोरंजन उद्योग को एक नई दिशा देने वाला मंच है। यह सरकार और उद्योग के बीच संवाद और सहयोग को मजबूती देगा।”
उन्होंने भारत को “इंटरनेशनल फिल्म शूटिंग का अगला गंतव्य” बताते हुए विदेशी फिल्म निर्माताओं के साथ साझेदारी की संभावनाओं पर ज़ोर दिया। साथ ही, टियर-2 और टियर-3 शहरों में किफायती सिनेमा लाने की ज़रूरत पर बल दिया — ताकि भारतीय सिनेमा “हर कस्बे और शहर तक पहुंचे”।
📺 “मीडिया के हर वर्टिकल को एक मंच पर लाता है वेव्स”: दीपिका पादुकोण
दीपिका ने वेव्स को “समय की मांग” बताया और कहा कि यह मंच
“फिल्म, ओटीटी, एनीमेशन, एआई और इमर्सिव टेक्नोलॉजी को एक साथ जोड़कर उद्योग को भविष्य के लिए तैयार करेगा।”
उन्होंने कहा कि अब तक मीडिया के विभिन्न अंग अलग-अलग दिशा में काम कर रहे थे, लेकिन वेव्स एक समन्वित और समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
🇮🇳 “भारत अब सॉफ्ट पावर की अगली छलांग के लिए तैयार”: करण जौहर
प्रसिद्ध फिल्म निर्माता करण जौहर ने समिट को “भारत के सांस्कृतिक प्रभाव को वैश्विक स्तर पर विस्तार देने वाली ऐतिहासिक पहल” कहा। उन्होंने बताया कि भारत अब मनोरंजन और रचनात्मकता के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने की स्थिति में है।
🌟 'आउटसाइडर से रूलर' तक की यात्रा पर बोले सितारे
‘द जर्नी: फ्रॉम आउटसाइडर टू रूलर’ नामक विशेष सत्र में शाहरुख, दीपिका और करण ने अपने संघर्षों और अनुभव साझा किए। शाहरुख ने कहा,
“फिल्म इंडस्ट्री कोई ख्वाबों की दुनिया नहीं, यह मेहनत और धैर्य की परीक्षा है। यहां टिकने के लिए कौशल ही असली पहचान है।”
वहीं दीपिका ने युवाओं को सलाह दी कि
“आज का समय अपनी विशिष्ट प्रतिभा को सामने लाने का है, दिखावा नहीं।”
वेव्स समिट ने साबित किया कि भारत का मनोरंजन उद्योग अब केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक नेतृत्व और वैश्विक प्रभाव का वाहक बन चुका है। प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल एक नए युग की शुरुआत का संकेत है, जिसमें भारत अपनी रचनात्मक ऊर्जा के बल पर दुनिया को चौंकाने के लिए तैयार है।