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फिल्म समीक्षा: मालिक – गुंडाराज का एक और थका देने वाला संस्करण

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 218

12 जुलाई 2025।

फिल्म: मालिक
निर्देशक: पुलकित
कलाकार: राजकुमार राव, सौरभ शुक्ला
रेटिंग: ★☆☆☆☆ (1/5)

समीक्षा: अगर आपने मालिक नाम सुनते ही मलयालम सिनेमा की उस शानदार फिल्म की कल्पना कर ली है, जिसमें फ़हाद फ़ासिल जैसे कलाकार हों, तो रुक जाइए। यह वही नहीं है।

राजकुमार राव स्टारर मालिक एक अंधेरे, अव्यवस्थित और बेहद सतही अंडरवर्ल्ड ड्रामा है, जिसमें न तो कहानी है, न कोई भाव, और न ही कोई नया अंदाज़। फिल्म की शुरुआत ही एक हास्यास्पद दृश्य से होती है — एक पुलिसवाले को गुंडे उठा ले जाते हैं और फिर ‘मालिक’ के दरबार में उसकी बेइज्जती कर गोली मार दी जाती है। यह दृश्य जितना जबरदस्ती का है, उतना ही फिल्म की दिशा को भी दर्शाता है।

राज (राजकुमार राव) का किरदार एक बेमतलब, हिंसा पर टिका हुआ गैंगस्टर है, जो खुद को ‘मालिक’ कहता है। उसका अंदाज़, उसका बोलचाल और उसका हिंसात्मक रवैया सब कुछ 80-90 के दशक की गैंगस्टर फिल्मों की भद्दी कॉपी लगता है — सत्या, कंपनी, गैंग्स ऑफ़ वासेपुर से लेकर अग्निपथ तक की कतरनों को जोड़ने की असफल कोशिश।

फिल्म इलाहाबाद की पृष्ठभूमि में सेट है, जहाँ कोई भी, किसी को भी, कभी भी गोली मार सकता है। न कानून का डर, न तर्क की ज़रूरत। बदले की कहानी, तेल में चेहरा डुबोने जैसे जबरदस्ती के हिंसात्मक दृश्य, और बिना किसी गहराई के उगले गए संवाद — सब कुछ इतना दोहरावभरा और नकली है कि दर्शक थक जाए।

राजकुमार राव की परफॉर्मेंस भी फिल्म को नहीं बचा पाती। उन्हें शायद यह किरदार इसलिए पसंद आया क्योंकि इसमें उन्हें भारी भरकम स्वैग, नकली ताकत, और भारी-भरकम बंदूकें थामने का मौका मिला। लेकिन स्वैग तब काम करता है जब किरदार में आत्मा हो — यहां वह पूरी तरह गायब है।

तो देखना चाहिए या नहीं?
अगर आपने एनिमल, मिर्ज़ापुर, ये काली-काली आंखें जैसी हिंसा-प्रधान फिल्में/सीरीज़ देखी हैं, तो मालिक आपको थका देगी। और अगर आपने नहीं देखी हैं, तो बेहतर होगा कि शुरुआत किसी अच्छी चीज़ से करें — क्योंकि यह फिल्म आपको निराश ही करेगी।

🎬 फाइनल वर्ड: मालिक एक बासी कहानी, पुराने फॉर्मूलों और दिखावटी हिंसा का ढेर है। इसे देखने से बेहतर है कि आप कोई पुरानी अच्छी फिल्म दोबारा देख लें।

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