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कृति सेनन बोलीं: “महिला-केंद्रित फिल्मों का बजट अभी भी पुरुष-प्रधान फिल्मों जितना नहीं होता”

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Place: मुंबई                                                👤By: prativad                                                                Views: 187

23 अगस्त 2025। बॉलीवुड की नेशनल अवॉर्ड विजेता अदाकारा और अब निर्माता बनीं कृति सेनन ने हिंदी फिल्म उद्योग में वेतन असमानता के मुद्दे पर एक बार फिर खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि महिला-केंद्रित फिल्मों का बजट अक्सर पुरुष-प्रधान फिल्मों की तुलना में काफी कम रखा जाता है और यही वजह है कि अभिनेत्रियों को समान मेहनताना नहीं मिल पाता।

सीएनएन-न्यूज़18 से बातचीत में कृति ने स्वीकार किया कि यह असमानता उन्हें परेशान करती है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कई पेशों में महिला और पुरुष कर्मचारियों को समान वेतन दिया जा सकता है, तो फिल्मों में यह अंतर क्यों बना हुआ है? कृति के मुताबिक, यह मुद्दा कलाकारों से ज्यादा खुद अभिनेत्रियों को सालों से खटकता आया है।

“महिला प्रधान फिल्मों को कम बजट क्यों?”
कृति ने आगे कहा कि दर्शकों की मांग और स्टार पावर के आधार पर कलाकारों का पारिश्रमिक तय किया जाता है। लेकिन असली समस्या यह है कि महिला-केंद्रित फिल्मों का निर्माण ही बहुत कम होता है और जब होता भी है, तो छोटे बजट में। निर्माताओं को डर रहता है कि बड़ी रकम लगाने पर वे लागत वसूल नहीं कर पाएंगे। नतीजतन, महिला प्रधान फिल्में अक्सर कमाई में पीछे रह जाती हैं और अभिनेत्रियों की फीस पर सवाल खड़े कर दिए जाते हैं।

बदलाव की उम्मीद: ‘क्रू’ की सफलता
इन चुनौतियों के बावजूद कृति सेनन का मानना है कि उद्योग में धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है। करीना कपूर खान और तब्बू के साथ उनकी फिल्म क्रू की सफलता को उन्होंने एक उदाहरण बताते हुए कहा कि अब दर्शक फिल्मों के विषय को ज्यादा महत्व देते हैं, न कि यह देखने को कि फिल्म में हीरो या हीरोइन मुख्य किरदार में है।

कृति ने कहा कि महिला प्रधान फिल्में सिर्फ गंभीर विषयों पर ही आधारित नहीं होनी चाहिए; वे बड़े पैमाने पर मनोरंजन भी कर सकती हैं। क्रू ने यही साबित किया। उनके मुताबिक, असली बदलाव तभी आएगा जब निर्माता साहस दिखाकर कंटेंट पर जोखिम उठाएँगे, न कि केवल इस आधार पर निर्णय लें कि फिल्म पुरुष-प्रधान है या महिला-प्रधान।

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