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सड़क दुर्घटना पीड़ितों की नगदी रहित उपचार स्कीम, डिवीजनल कमिश्नर को योजना की नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश

Place: Bhopal                                                 👤Posted By: Admin                                                         Views: 221700

Bhopal: भोपाल 2 जुलाई 2025, देश में सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं को रोकने के लिये सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किए जाते रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी सम्पूर्ण देश में नियमित मॉनीटरिंग कर रही है। समय-समय पर यह कमेटी विभिन्न राज्यों से रिपोर्ट प्राप्त कर सड़क सुरक्षा संबंधी विभिन्न योजनाओं एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से जारी गाइड-लाइन्स की समीक्षा कर सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है।

परिवहन सचिव श्री मनीष सिंह ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिये नगदी रहित उपचार योजना के क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश भी जारी किये हैं। निर्देशों में बताया गया है कि यह स्कीम और गाइड-लाइन्स मई-2025 और जून-2025 में जारी हुई हैं। इसी के साथ मंत्रालय द्वारा 21 मई, 2025 को यूजर मैनेजमेंट पोर्टल भी जारी किया गया है। निर्देशों में बताया गया है कि सड़क दुर्घटना प्रकरणों में जहाँ दोषी मोटरयान के पास वैध तृतीय पक्ष बीमा कव्हरेज था, उसका भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा साधारण बीमा कम्पनियों के सहयोग से बनाये गये फण्ड से स्टेट हेल्थ एजेंसी (एसएचए) द्वारा अस्पताल के दावे को मंजूरी दिये जाने के 10 दिनों की समयावधि में जिला कलेक्टर्स के अनुमोदन से जिला स्तर पर ही केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित फण्ड से किया जायेगा। योजना में अस्पताल से दुर्घटना तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि में प्रति व्यक्ति के लिये एक लाख 50 हजार रूपये तक के उपचार की व्यवस्था है। दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति या उसका परिवार दुर्घटना का विवरण हेल्पलाइन नम्बर 112 में खबर दे सकता है।

नियमित समीक्षा
परिवहन सचिव द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि योजना के क्रियान्वयन के लिये किसी अधीनस्थ अधिकारी को जिम्मेदारी देते हुए इसकी नियमित मॉनीटरिंग जिला स्तर पर की जाये। समस्त संभागायुक्तों को भी निर्देश दिये गये हैं कि महत्वपूर्ण योजना की आवश्यक गतिविधियों की नियमित मॉनीटरिंग की जाये। जिला कलेक्टर्स को योजना से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश भी परिवहन विभाग द्वारा भेजे गये हैं।

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